मध्य प्रदेश में पुलिस अब गुंडागर्दी पर उतर आई है। सोशल मीडिया पर कुछ पत्रकारों की तस्वीर वायरल हो रही है। एक तस्वीर में बताया गया है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने एक बीजेपी विधायक के खिलाफ खबर दिखाने वाले, लिखने वाले पत्रकारों को नंगा करके थाने में खड़ा कर दिया है।
इनमें से ज्यादातर पत्रकार अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का अभी इस खबर पर ऐसा कोई बयान नहीं आया की पुलिस ने ऐसी हरकत क्यों कि। क्या पत्रकारों के साथ इस तरीके का व्यवहार ठीक है।
इससे पता चलता ही बीजेपी में राज में पुलिस भी अब गुंडागर्दी करने लगी है। दरअसल वरिष्ठ पत्रकार डॉ राकेश पाठक ने एक ट्वीट में इस फोटो के बारे में बताया है कि ये सभी पत्रकार मध्य प्रदेश के सीधी जिले के हैं।
तस्वीर मध्यप्रदेश के सीधी पुलिस थाने की है,
अर्धनग्न खड़े युवा स्थानीय पत्रकार हैइनका गुनाह है कि BJP MLA के खिलाफ खबर चलाने की हिमाकत की थी.. pic.twitter.com/SZ6cnMPHrp
— JJP News (@jjpnewshindi) April 7, 2022
उन्होंने लिखा है कि एमपी के सीधी जिला पुलिस ने पत्रकारों को थाने में अर्धनग्न अवस्था में खड़ा कर दिया है।उनमें अधिकांश यूट्यूब चैनल चलाते हैं। इनमें से एक पत्रकार कनिष्क तिवारी के बघेली है जो, जिनके यूट्यूब चैनल पर सवा लाख सब्सक्राइबर हैं।
जिन पत्रकारो के ऐसी सजा मिली है उन्होंने बीजेपी एमएलए केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ ख़बरें चलाई थीं जिससे वे नाराज़ थे। उनके कहने पर सीधी पुलिस ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी आईडी से बीजेपी सरकार और विधायकों के खिलाफ लिखते और ख़बरें दिखाते हैं।
यूपी और एमपी के पत्रकारों पर पुलिस और नेताओं के अत्याचार की कहानियां अक्सर सामने आती हैं। लेकिन एमपी की घटना सारी हदों को पार कर गई है। हैरानी है कि देश में पत्रकारों के बड़े-बड़े संगठन हैं लेकिन वे ऐसे मामलों में विरोध के बजाय चुप्पी साध कर बैठे है। कई पत्रकार संगठन तो अलग-अलग विचारधाराओं को मानते हुए उसी तरह से व्यवहार करते हैं।
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