लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी खबर आई है. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान कर चुके राष्ट्रीय लोक दल (RLD ) प्रमुख जयंत चौधरी यूपी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. शुक्रवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जयंत चौधरी ने ऐलान किया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लडेंगे. जयंत चौधरी का यह ऐलान ऐसे वक्त में आया है, जब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं.
इकोनॉमिक्स टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शुक्रवार को हुई रालोद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए रालोद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जयंत चौधरी चुनाव नहीं लड़ेंगे. रालोद ने शुक्रवार को पार्टी नेताओं के सामने सपा के साथ अपने गठबंधन की औपचारिक घोषणा की. एक दिन पहले जयंत चौधरी अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ आए थे. गोंडा में एक संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि दोनों पार्टियों के बीच समझौते को अंतिम रूप दे दिया गया है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, जयंत चौधरी के करीबी एक नेता ने कहा कि पार्टी पश्चिमी यूपी के जिलों की 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिनमें गौतम बौद्ध नगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और बागपत शामिल हैं. इसके अलावा, आठ सपा नेता इस क्षेत्र में रालोद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चुनाव से पहले पार्टी 15 जनवरी से 12 फरवरी तक “गांव-गली दस्तक” कार्यक्रम शुरू करेगी, जो पूर्व रालोद प्रमुख अजीत सिंह की जयंती का प्रतीक है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव यादव की तरह ही जयंत चौधरी ने कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है. सूत्रों की मानें तो सपा-रालोद गठबंधन के सत्ता में आने पर भी जयंत चौधरी सरकार में कोई भूमिका नहीं निभा सकते हैं, क्योंकि इसके बदले वह राज्यसभा में एक सीट की चाहत रखेंगे. यानी जयंत चौधरी राज्यसभा जाने का प्लान बना रहे हैं. बता दें कि जयंत गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री के साथ लखनऊ पहुंचे थे और अखिलेश के आवास पर उनसे मुलाकात की थी.
अगर बात करें गठबंधन की तो आरएलडी 2002 के चुनाव में भाजपा के साथ गठजोड़ कर चुनावी मैदान में उतरी थी. इस दौरान आरएलडी को 14 सीटों पर जीत मिली जबकि दो प्रतिशत वोट हासिल हुए. साल 2007 में आरएलडी अकेले चुनावी मैदान में उतरी. इस चुनाव में आरएलडी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की जबकि वोट प्रतिशत दो से बढ़कर चार पर पहुंच गया. 2012 के चुनाव में आरएलडी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी. इस दौरान उसे नौ सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि वोट दो प्रतिशत मिले. वहीं एक बार फिर साल 2017 में आरएलडी ने अकेले चुनाव लड़ा, जिसमें 1 सीट पर जीत हासिल की जबकि दो प्रतिशत वोट मिले.
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