वॉशिंगटन : कर्नाटक के स्कूल से निकले हिजाब विवाद ने पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इस पूरे विवाद पर तमाम क्षेत्रों से जुड़ी हुई हस्तियां अपनी राय व्यक्त कर रही हैं. कंगना से लेकर शबाना आज़मी और सोनम कपूर तक ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी है. यह विवाद देश में जारी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूरे देश में फैल चुका है.
जैसा कि सभी को मालूम है कि देश के अंदर पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, उसको देखते हुए यह विवाद राजनीतिक तूल भी पकड़ चुका है. तमाम राजनीतिक दल अपनी सुविधा के अनुसार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. अपने नफे नुकसान को देखते हुए इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं यह मुद्दा सियासी भी बन चुका है.
अब यह कर्नाटक के स्कूल से पूरे देश में फैलते हुए दूसरे देशों तक जा चुका है. इस पूरे मामले पर अब अमेरिकी प्रशासन का एक विभाग भी कूद पड़ा है. बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत रसद हुसैन की तरफ से भी इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया आई है.
रसद हुसैन ने कहा है कि कर्नाटक सरकार को इसका फैसला नहीं करना चाहिए कि कोई मजहबी पोशाक पहने या नहीं. भारतीय मूल के हुसैन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा है कि किसी कि मजहबी आजादी सुनिश्चित करने के लिए उसे उसके मजहब की पोशाक पहनने देने की आजादी भी होनी चाहिए.
बाइडेन प्रशासन के इस अधिकारी ने अपनी राय देते हुए कहा है कि अपनी मजहबी पोशाक पहनना भी धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा है. भारतीय प्रदेश कर्नाटक को मजहबी पहनावे की अनुमति निर्धारित नहीं करनी चाहिए. स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी मजहबी आजादी का हनन है और महिलाओं एवं लड़कियों के लिए खास धारणा बनाती है और उन्हें हाशिए पर धकेलती है.
इससे पहले मलाला यूसुफजई का भी बयान हिजाब के पूरे मामले पर आ चुका है. उन्होंने कहा था कि स्कूलों में लड़कियों को हिजाब पहनकर प्रवेश देने से रोक नारोकना भयावह वह है. उन्होंने ट्विट करते हुए कहा था कि, हिजाब पहने हुई लड़कियों को स्कूल में एंट्री देने से रोकना भयावह है. कम या ज्यादा कपड़े पहनने के लिए महिलाओं का वस्तुकरण किया जाता है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.
आपको बता दें कि हिजाब का पूरा मामला कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने हैं, जिसने स्कूलों में हिजाब पहनने पर अंतरिम रूप से रोक लगा रखी है. मामले में सुनवाई सोमवार को बहाल होगी. इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट के पास भी आ गया है. भारत की सर्वोच्च अदालत ने हिजाब विवाद में यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है कि वह हाईकोर्ट का आखिरी आदेश आने से पहले कोई टिप्पणी नहीं करेगा.
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