जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, इस नाम को आप जानते ही होंगे. हालांकि इस नाम के चर्चा में आए महज कुछ ही दिन हुए है लेकिन ये नाम जिस शख्स की नई पहचान बना है जो काफी जाना पहचाना चेहरा रहा है. अक्सर विवादों के साए में रहने वाले वसीम रिजवी ने अपनी नई पहचान जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बना ली है. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपना लिया है.
गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर में वसीम रिजवी को यति नरसिंहानंद सरस्वती ने हिंदू धर्म ग्रहण कराया, इसके साथ ही उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख गया. मजहब बदलने के बाद से ही जितेंद्र त्यागी खबरों में बने हुए है.
हाल ही में उन्होंने अपने धर्म परिवर्तन को लेकर टाइम्स नाउ नवभारत चैनल से बातचीत की. इसी दौरान उनका इंटरव्यू ले रहे एंकर ने सवाल किया कि क्या आप को इस नए नाम की आदत पड़ चुकी है या फिर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बुलाने पर आप ये समझ नहीं पाते कि किसे बुलाया जा रहा है?
इस पर त्यागी ने कहा कि इस नाम की मुझे आदत हो चुकी है. जो लोग इस बात से परेशान है कि मैंने अपना धर्म छोड़ दिया है तो मैं बताना चाहता हूँ कि मैंने इस्लाम नहीं छोड़ा था, मुझे इस्लाम से निकाला गया था.
उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने लोगों के सामने इस्लाम की सच्चाई रखी तो मुझे इस्लाम से बेदखल कर दिया गया. मैंने जब इस्लाम के संस्थापक मोहम्मद साहब के चरित्र के बारे में लोगों को सच से रूबरू कराया तो मुझ पर कई आरोप लगाए गए.
उनकी इस बात पर एंकर ने विफरते हुए कहा कि आप बता रहे है कि आपको इस्लाम से निकाला गया है अपने छोड़ा नहीं तो यह क्यों कहा जाए कि आप ने सनातन धर्म अपनाया हैं?
एंकर सुशांत सिन्हा ने सवाल करते हुए आगे कहा कि आपको इस्लाम से धक्के देकर बाहर कर दिया गया तो आपको जहां जगह मिली आप वहां आ गए. आप मजबूरी में हिंदू बने है?
इस पर त्यागी ने कहा कि आपको इस्लाम धर्म लगता है? हम तो सिर्फ एक Atanकी गुट का एक पार्ट थे. इस गुट ने हमें इसलिए निकाल दिया क्योंकि हमने इसकी पोल खोलना शुरू कर दिया था. इस पर एंकर ने कहा कि आप यह मानते है कि उस गुट ने आपको धक्के मा’र के बाहर कर दिया. कैसे मान लिया जाए कि आप हिंदू है?
इस पर उन्होंने कहा कि आप क्यों नहीं मानेंगे कि मैं हिंदू हूँ? मैंने पूरी रीति रिवाज से धर्म अपनाया है. मैं इस्लाम में रहते हुए उसे रिफॉर्म करना चाहता था लेकिन वो ऐसा नहीं चाहते. वो ऐसे ही Daरिंद्रे बने रहता चाहते है. त्यागी ने कहा कि मैंने राम मंदिर की मांग के साथ ही हिंदुत्व के लिए लड़ाई शुरू कर दी थी.
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