उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आवारा पशुओं का मुद्दा सभी विपक्षी दल प्रमुखता से उठा रहे हैं। सांडों के खेत में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचाने के मुद्दे को उठाते हुए राजनीतिक भाजपा सरकार पर हमलवार हैं। ये मुद्दा कितना बड़ा हो चुका है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की बाराबंकी में होने वाली रैली से पहले कार्यक्रम स्थल के पास किसानों ने सैकड़ों गाय, बैल और सांडों को छोड़ दिया।
सांडों और गायों को कार्यक्रम स्थल के पास छोड़ने के सवाल पर किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री को भी मालूम चलना चाहिए कि गाय-सांड से कितनी समस्या होती है। किसान गो-वंश को गांव से हांककर कार्यक्रम स्थल तक ले आए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
सूबे में विधानसभा चुनाव के बीच, आवारा जानवरों का मुद्दा छाया हुआ है। सड़कों पर आवारा जानवरों का झुंड देखने को मिलता है। इन आवारा पशुओं के कारण सबसे ज्यादा किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ये पशु फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
किसानों ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा से पहले, बड़ी संख्या में गाय-बैल और सांड खदेड़कर कार्यक्रम स्थल पहुंचा दिए। उधर, प्रशासन का कहना था कि सीएम की जनसभा से पहले, जानवरों को मैदान से हटा दिया जाएगा, इस मुद्दे पर उनकी किसानों से बात हो रही है।
हाल ही में फतेहपुर की रैली के दौरान पीएम मोदी ने यूपी में आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने का भरोसा दिया था। पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 10 मार्च को दोबारा भाजपा की सरकार बनने पर इस समस्या को दूर किया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा इंतजाम किया जाएगा जिससे गोबर से भी पशुपालकों की कमाई हो। पीएम मोदी ने कहा था, “हमारा प्रयास है कि दूध ना देने वाले जो बेसहारा पशु हैं उनके गोबर से भी पशुपालक को इनकम हो और कुछ अतिरिक्त कमाई हो, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।
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