10 घंटों के इंतजार के बाद भी अमित शाह से नहीं मिल सकीं अपर्णा, गृहमंत्री ने नहीं दिया समय

नखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को अपने पाले में लाकर भाजपा खुद की पीठ थपथपा रही है. अपने परिवार की पार्टी सपा का साथ छोड़कर अपर्णा ने भाजपा का हाथ तो थाम लिया, लेकिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह से मिलना अपर्णा के लिए अब भी मुश्किल बना हुआ है.

बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद यूं तो अपर्णा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर यूपी के तमाम भाजपा नेताओं से मुलाकात की. लेकिन अमित शाह से मुलाकात नहीं हो की.

सूत्र बता रहे हैं कि शाह से मिलने के लिए पार्टी में आने के बाद पहले ही दिन अपर्णा को करीब 10 घंटे इंतजार करना पड़ा. इसके बावजूद दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी. भाजपा मुख्यालय से अपर्णा को खाली हाथ लौटना पड़ा. गुरुवार को भी नई भाजपा नेत्री और शाह की मुलाकात की कोई खबर सामने नहीं आई. न ही भाजपा की ओर से या फिर अपर्णा की ओर से शाह की मुलाकात का कोई फोटो सोशल मीडिया पर डाला गया.

भाजपा कह रही है कि गृहमंत्री विधानसभा चुनावों की बैठक में व्यस्त होने के चलते समय नहीं दे सके. लेकिन राजनीतिक हलकों में मुलाकात के लिए इस लंबे इंतजार के भी अपने मतलब निकाले जा रहे हैं.

बुधवार को भाजपा में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने कहा कि मैं हमेशा से पीएम से प्रभावित रहती थी, मेरे चिंतन में सबसे पहले राष्ट्र है. अब मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं. मैं स्वच्छ भारत मिशन, महिलाओं के लिए स्वावलंबित जीवन समेत भाजपा की अन्य सभी योजनाओं से प्रभावित रही हूं. मैं भाजपा का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मुझे पार्टी का हिस्सा बनने का मौका दिया.

अपर्णा बिष्ट का जन्म 01 जनवरी 1991 को हुआ था. उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक मीडिया कंपनी में थे. सपा सरकार में वह सूचना आयुक्त भी रहे अपर्णा की मां अंबी बिष्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं. अपर्णा की स्कूली पढ़ाई लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट स्कूल से हुई है.

अपर्णा ने ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री ली है. अपर्णा ने भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में नौ साल तक शास्त्रीय संगीत में औपचारिक शिक्षा ग्रहण की है. वह ठुमरी गायन में निपुण हैं. बता दें, अपर्णा यादव को घूमने का शौक है और वह कई यूरोपियन देश में घूम चुकी हैं.

स्कूल के दिनों में ही अपर्णा की मुलाकात सपा नेता मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक से हुई थी, दोनों क्लासमेट थे. प्रतीक, मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे हैं. 2010 में अपर्णा और प्रतीक की सगाई हुई और दिसंबर 2011 में दोनों विवाह बंधन में बंध गए. विवाह समारोह का पूरा आयोजन मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में किया गया था.

अपर्णा और प्रतीक की एक बेटी है. हालांकि प्रतीक की राजनीति में तो कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन अपर्णा यादव उत्तर प्रदेश की चर्चित राजनीतिक हस्तियों में से एक हैं और साल 2017 में वे सपा के टिकट पर कैंट से चुनाव लड़ चुकी हैं.

अपर्णा यादव ने 2017 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से लड़ा था. उस चुनाव में उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था. बीते चार सालों से अपर्णा लखनऊ के सरोजनी नगर इलाके में अपर्णा जीव आश्रम नामक एनजीओ चला रही हैं. जहां गाय, भैंस और कुत्तों की देखभाल होती है.

इस बार रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से अपने बेटे के लिए भाजपा का टिकट मांग रही हैं. उन्होंने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखकर बेटे को टिकट दिलाने के लिए खुद इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा. लेकिन अब अपर्णा के भाजपा में शामिल होने से रीता जोशी के बेटे का टिकट खटाई में पड़ता दिख रहा है.

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