उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा अब प्रयागराज में नदियों के किनारे रेत में दबे शवों से भगवा कफन हटवाने का मामला सामने आया है। ए आई एम के अध्यक्ष असद्दुीन ओवैसी ने कुछ मजदूरों द्वारा रेत में दबे शवों से भगवा कफ़न खींचने के वायरल वीडियो पर योगी सरकार को घेरते हुए इसे कमी को छुपाने का बताया हैं।
ए आई एम के अध्यक्ष असद्दुीन ओवैसी ने घटना पर एक ट्वीट करते हुए कहा, “गंगा किनारे क़ब्रों से पीली चादरें हटाई जा रही हैं ताकि फ़ोटो में उनकी पहचान न हो।हमने हज़ारों जिंदागियों को
की मुजरिमाना ग़फ़लत-ओ-तसाहली की वजह से खोया है। अब सरकार अपने जुर्म छुपाने के लिए सबूत मिटाने में लगी है।
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गंगा किनारे क़ब्रों से पीली चादरें हटाई जा रही हैं ताकि फ़ोटो में उनकी पहचान न हो।हमने हज़ारों जिंदागियों को @PMOIndia @yogiaditynath की मुजरिमाना ग़फ़लत-ओ-तसाहली की वजह से खोया है।
अब सरकार अपने जुर्म छुपाने के लिए सबूत मिटाने में लगी है।pic.twitter.com/Wg1ya1JaH5
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 25, 2021
उत्तर प्रदेश में कोरोना के कहर के बीच बड़ी संख्या में रेत की कब्रों में दफन या गंगा नदी के किनारे पर बहे हुए शव मिलने के बाद राज्य की बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना हुई है, क्योंकि संकट के इस समय में लोगों को दाह संस्कार का खर्च वहन करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में बड़े पैमाने पर प्रयागराज समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में नदियों के किनारे लोगों ने अपने परिजनों के शव दफना दिए या नदियों में बहा दिए।
एक विदेशी समाचार एजेंसी द्वारा शूट किए गए एक ड्रोन फुटेज में प्रयागराज में नदी किनारे दफन सैकड़ों शवों को दिखाया गया है, जिन्हें बांस की छड़ियों से अलग किया गया है और वे भगवा कपड़ों से ढंके हुए हैं। प्रयागराज की तस्वीरों में गंगा के किनारे रेत में दबे सैकड़ों शवों को दिखाया गया है। इसके बाद आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई क्योंकि कई लोगों ने शिकायत की कि कुत्ते कब्र खोद रहे थे और नदी के किनारे शवों को खा रहे थे।
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