नखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है। छह पार्षदों ने सपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की उपस्थिति में सभी सपा नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थामा है।
सपा छोड़ने वालों में कानपुर नगर निगम हाउस में समाजवादी पार्टी के पार्षदों के नेता सुहैल अहमद, शिब्बू अंसारी, शशि, राकेश साहू, आबिद अली और महेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं। कांग्रेस विधायक सुहैल अंसारी इस मौके पर मौजूद थे जब सुहैल अहमद और अन्य ने लखनऊ में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। ये सभी पार्षद सीसामऊ विधानसभा सीट से ताल्लुक रखते हैं।
सपा विधायक इरफान सोलंकी ने 2017 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सुरेश अवस्थी को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी। आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी चुनौती देने की तैयारी कर रही सपा के लिए पार्षदों का पार्टी छोड़ना एक बड़ा झटका है।
सुहैल अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि कानपुर में समाजवादी पार्टी की स्थिति के बारे में सभी जानते हैं। इसके विधायक इरफान सोलंकी ने पिछले चार वर्षों में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है, और पिछले दो दशकों में सीसामऊ में कोई विकास कार्य नहीं किया गया है। इसके अलावा सोलंकी का व्यक्तिगत व्यवहार भी संदिग्ध है।
इरफान सोलंकी के साथ सुहैल के मतभेद नए नहीं हैं। वह 2017 के चुनावों में बागी हो गए थे और यहां तक कि सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन भी दाखिल किया था। लेकिन धर्मगुरुओं और रणनीतिकारों के दखल के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। सुहैल अहमद सीसामऊ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।
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