कोलकाता : दिल्ली सरकार की तर्ज पर पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी। अपने फैसले में ममता सरकार ने कहा था कि तीन महीने में 75 यूनिट बिजली की खपत करने वालों से बिल नहीं लिया जाएगा।
लेकिन मामला कुछ उल्टा नज़र आ रहा है मुफ्त बिजली के नाम पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार भाड़ी भड़कम रक़म वसूल कर रही है बिना रीडिग अनाप-शनाप बिजली बिल आने से उपभोक्ता परेशान हैं। बिलों को दुरुस्त करवाने के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। अधिकारियों से मिलकर शिकायत भी दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है।जिन उपभोक्ताओं का दो सौ से तीन सौ रुपये बिल आता था, उन्हें कई गुना बिल दिया जा रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं को बिल जमा करने में परेशानी हो रही है
अपनी पीड़ा बयान करते हुए कोलकाता में प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाले एक शख्स ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी है और साथ में बढ़े हुए बिजली बिल के स्क्रीन शार्ट को भी साझा किया है,उन्होंने ट्विटर पर लिखा है” मैं एसी / हीटर / मोटर्स के बिना 2BHK फ्लैट में किराए पर कोल्कता में रह रहता हूँ। लेकिन जून के महीने के लिए मेरा बिल 3940 आया है। यह वास्तव में मेरे लिए चौंकाने वाला है। हर महीने मेरा बिल 500 से 700 के आसपास आ रहा था। लेकिन मैं नहीं जानता कि CESC ने यह बड़ी राशि क्यों भेजी है। कृपया इन महामारी के दिनों में हमारी मदद करें।
https://twitter.com/alimdminhaj/status/1288940049141075969?s=19
बता दें कि पिछले दिनों BJP कार्यकर्ताओं ने भी बिजली के दामों में हुई गड़बड़ी के खिलाफ ममता सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी और बिजली रेट कम करने की मांग की थी ,BJP नेताओं का कहना था कि CESC 4.26 रुपये में बिजली खरीदता है और कोलकाता और इसके आस-पास के क्षेत्रों में 7.33 /-(पहली 100 यूनिट) की कीमत पर बेचता है।
तो वहीं इस मसले पर माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने भी सदन में सवाल उठाया था कि एक ही राज्य में दोहरी नीति व व्यवस्था कैसे संभव है? एक ओर राज्य सरकार प्रति यूनिट सात रुपये 12 पैसे के हिसाब से लोगों को बिजली मुहैया करा रही है, वहीं महानगर व आसपास के इलाकों में सीईएससी की ओर से सात रुपये 31 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति हो रही है। सदन में सवाल उठने के बाद बिजली मंत्री ने कहा था कि वे इस मसले पर सीईएससी के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
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