कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर राज्य के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने के हुक्म को रद्द करने की गुज़ारिश की है.
ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सेक्रेटरी को दिल्ली बुलाने के एकतरफा हुक्म से स्तब्ध और हैरान हूं. यह एकतरफा हुक्म कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला. तारीखी तौर से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है.
केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद चीफ सेक्रेटरी का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने का जो आदेश दिया था उसे ही प्रभावी माना जाए. संघीय सहयोग, अखिल भारतीय सेवा तथा इसके लिए बनाए गए कानूनों के वैधानिक ढांचे का आधार स्तंभ है.
ममता बनर्जी ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी को 24 मई को सेवा विस्तार की इजाज़त देने और चार दिन बाद के आपके एकतरफा हुक्म के बीच आखिर क्या हुआ, यह बात समझ में नहीं आई. ममता ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है.
ममता ने कहा कि मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से. लेकिन आपने अपनी पार्टी के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की मीटिंग में मौजूद रहने का उनका कोई मतलब नहीं है
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