फेसबुक और व्हाट्सएप पर भी भारत में लग सकता है प्रतिबंध ,फर्ज़ी खबरों के प्रचार का लगा आरोप, कांग्रेस की बड़ी मांग

नई दिल्ली: (सुमरा परवेज़) कांग्रेस पार्टी ने अपने एक ब्यान में फेसबुक और व्हाट्सएप पर बड़ा आरोप लगाते हुए इन पर जांच करने के लिए एक संयुक्त सदस्य समिति की मांग की है।
अपने ब्यान में कांग्रेस पार्टी ने कहा भारतीय नेशनल कांग्रेस तत्काल एक संयुक्त संसदीय समिति की मांग करती है, जो फेसबुक इंडिया और नामित लोगों के मामलों की आपराधिक जांच करे। अपने ब्यान में उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक फेसबुक और व्हाट्सएप के सभी
पेंडिंग पढ़े हुए आवेदनों और लाइसेंस को रोक दिया जाए।

कांग्रेस की तरफ से दिए गए ब्यान में कहा गया कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि फेसबुक और व्हाट्सएप लोकतंत्र को कमज़ोर करने में बहुत अहम भूमिका निभा रहें हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में भाजपा का पक्ष लेने के लिए अभ्रद भाषा और फर्ज़ी खबरों का प्रचार इन सोशल साइट्स के माध्यम से किया जाता है।

और चौकाने वाली बात यह है कि फेसबुक की ग्लोबल लीडरशिप टीम इस बात से वाक़िफ है। उन्होंने कहा कि “वॉल स्ट्रीट जर्नल” के एक आर्टिकल के अनुसार ग्लोबल लीडरशिप टीम को इंडियन लीडरशिप टीम के पक्षपात के बारे में अच्छी तरह से पता है लेकिन फिर भी इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि उसे फेसबुक के आंतरिक संचार प्रणाली (internal communication system) पर साझा किए गए दास के कई पोस्टों का अध्ययन किया जिससे साफ पता चलता है कि भाजपा का खुले तौर पर समर्थन किया जा रहा है।
दास ने स्पष्ट रुप से लिखा है कि ” भारत को समाजवाद से छुटकारा पाने के लिए ज़मीनी स्तर पर काम करने में 30 साल लग गए” ।
कांग्रेस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दास ने मोदी की मज़बूत रूप से प्रशंसा की जो पूर्व सत्ताधारी पार्टी की पकड़ को तोड़ने में सक्षम साबित हुई।

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