हाथरस : उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के बाद दलित समुदाय के बीच काफी नाराज़गी है।
इस घटना से आहत वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है। धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ये मामला उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के करहेड़ा इलाके का है। पिछले 14 अक्टूबर को इलाके में रहने वाले वाल्मीकि समाज के 236 लोगों ने बाबा साहब अंबेडकर के परपोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इन्हें भारतीय बौद्ध महासभा की तरफ से एक प्रमाण पत्र भी दिया गया है।
हिंदू धर्म छोड़ कर बौद्ध धर्म अपनाने वाले वाल्मीकि समाज के इन परिवारों का कहना है कि हाथरस कांड से वे काफी ज़्यादा आहत हुए हैं। उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म अपनाने के लिए कोई फीस नहीं ली गई है। बस समाज सेवा जैसे अच्छे काम करने को कहा गया है।
आपको बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस के बुलगढ़ी गांव में वाल्मीकि समाज की एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। जिसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। तब से ही देश के लोगों में इस घटना के विरोध आक्रोश भरा हुआ है। जगह-जगह पर प्रदर्शन हुए, इसके बावजूद भी ना तो इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम ले रही हैं और ना ही पीड़ित परिवार को कोई इंसाफ मिला है।
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