दिल्ली दंगों में लोगों को हिंसा पर उकसाया गया ,लेकिन दिल्ली पुलिस तमाशबीन बनी रही : अल्पसंख्यक आयोग

नई दिल्ली : उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लेकर अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी 130 पन्नों की रिपोर्ट 27 जून 2020 को आयोग को प्रस्तुत किया था । आयोग ने रिपोर्ट पर विचार किया और इसे स्वीकार कर लिया। आयोग ने तीन दिन पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी और आगे की कार्रवाई के लिए अनुरोध किया। रिपोर्ट की एक एक कॉपी दिल्ली विधानसभा के सभी मंत्रियों और स्पीकर को भी सौंपा गया है। इस रेपोटर में दिल्ली पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। साथ ही कहा कि हिंसा के लिए लोगों को उकसाया गया इस दौरान दिल्ली पुलिस तमाशबीन बनी रही। यही नहीं भाजपा के नेताओं को भी कठघरे में खड़ा किया गया है।

अल्पसंख्यक आयोग ने दंगे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील एमआर श्मशाद के नेतृत्व में नौ मार्च को नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने 134 पन्नों की रिपोर्ट 27 जून को अल्पसंख्यक आयोग को सौंप दी थी। इसे बृहस्पतिवार को आयोग ने सार्वजनिक कर दिया है। इसमें कहा गया है कि लोग को हिसा के लिए उकसाया गया था। 23 फरवरी को भाजपा नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण के बाद हिसा शुरू हुई। इसमें लोगों की संपत्ति को निशाना बनाया गया। धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया। इसके साथ ही समिति ने मुआवजा वितरण में पक्षपात का भी आरोप लगाया है। पुलिस की भूमिका और लापरवाही की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किए जाने की मांग की गई है। निष्पक्ष व पेशेवर तरीके से हुई जांच : दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी एसीपी अनिल मित्तल ने कहा है कि रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा। जहां तक पक्षपात की बात है तो उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की पुलिस ने निष्पक्ष और पेशेवर तरीके से जांच की है। विज्ञापन देकर सभी से अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया और हेल्पलाइन जारी की गई थी। दंगे के मामले में 752 केस दर्ज किए गए है, जो अब तक रिकॉर्ड है। इनमे 372 केस सुलझा लिए गए। 1470 लोगो को गिरफ्तार किया गया। 200 केस में पुलिस आरोप पत्र दायर कर चुकी है। 400 से ज्यादा केस अल्पसंख्यकों की शिकायत पर दर्ज किए गए। तीन एसआइटी जांच कर रही हैं। वहीं दंगे में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति कराई गई है। यदि कोई अब भी शिकायत दर्ज कराना चाहता है कि वह की जाएगी।

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