बिहार में भी हरियाणा की तरह खुले में नमाज पर रोक लगाने की मांग, बीजेपी नेताओं के बयान पर भड़के नीतीश कुमार

Bihar, Sept 07 (ANI): Bihar Chief Minister Nitish Kumar addresses a virtual rally at the JD-U office, in Patna on Monday. (ANI Photo)

पटना: बिहार में हरियाणा की तर्ज पर खुले में नमाज पर रोक लगाने की मांग को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नकार दिया है. सीएम ने कह दिया कि उनके लिए इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है. पता नहीं क्यों, इन सब चीजों को मुद्दा बनाया जा रहा है. सत्ताधारी गठबंधन के घटक दल बीजेपी की ओर से यह मांग उठाई गई है.

CM नीतीश कुमार ने सड़क पर नमाज नहीं होने देने की मांग पर दो टूक कह दिया, ‘इन सब का कोई मतलब है क्या? कौन पूजा करते रहता है और कौन गाते रहता है, यह सब कोई मुद्दा है क्या? सबका अपना-अपना विचार है. मेरे लिए तो सभी लोग एक समान हैं. इन सब विषय पर चर्चा करने का क्या मतलब है? सभी लोग तो बाहर ही यह सब (प्रार्थना) करते रहते हैं. सभी धर्मों को इसका ध्यान रखना चाहिए. पता नहीं क्यों, इन सब चीजों को मुद्दा बनाया जा रहा है? मेरे लिए तो इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है.

दरअसल, BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर ने मांग उठाई है कि खुले जगह या सड़क पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगना चाहिए. बिस्फी विधायक ठाकुर ने अपने विवादास्पद बयान में कहा, ’95 प्रतिशत मुसलमान भारत के हिंदुओं से कन्वर्टेड हैं. चाहें तो आज भी डीएनए टेस्ट करवा लें. भारत को भी पाकिस्तान बनाने की साजिश है. बिहार में भी यदि खुले में और सड़कों पर नमाज होती है, तो इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए…

इसके अलावा, मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद ने भी खुले में नमाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. सांसद ने कहा कि कहीं भी कोई खुले में नमाज पढ़े, यह अच्छी बात नहीं है. नमाज मस्जिद में या अपने घर में ही पढ़नी चाहिए…

बता दें कि हरियाणा के गुरुग्राम में खुले स्थानों पर जुमे की नमाज अदा किए जाने को लेकर कई हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई थी. इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कह दिया कि खुले में नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, खुली जगहों पर नमाज पढ़कर टकराव से बचना चाहिए… हम टकराव भी नहीं होने देंगे. हरियाणा के सीएम ने अपने बयान में कहा था, धार्मिक स्थल इसी मकसद से बनाए जाते हैं कि लोग वहां जाएं और पूजा-अर्चना करें. इस तरह के कार्यक्रम खुले में नहीं होने चाहिए.

दरअसल, पिछले महीनों में कुछ हिंदू संगठनों ने गुरुग्राम की उन खुली जगहों पर धरना-प्रदर्शन किया है जहां मुस्लिम समुदाय जुमे की नमाज अदा करते है. इसके बाद पिछले कई हफ्तों से जुमा यानी शुक्रवार को शहर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं…

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