देवबंद बना दूसरा शाहीनबाग, प्रोटेस्ट कर रही महिलाओं को उठाने पहुंचे लोगों पर चूड़ियां फेंक कर दिया जवाब

देवबंद: उत्तर प्रदेश के शहर देवबन्द में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर विरोध प्रदर्शन काफी दिनों से चल रहा है। ईदगाह मैदान में चल रहे धरने को समाप्त कराने के लिए आला अधिकारियों ने एक कमेटी का गठन किया था। गुरुवार को जब टीम धरने पर बैठी महिलाओं को समझाने पहुंची तो प्रदर्शनकारियों ने उन पर चूड़ियां फेंकीं। इस दौरान महिलाओं ने ‘गो बैक’ का नारा लगाकर धरना खत्‍म करने से इंकार कर दिया।

धरने पर बैठी महिलाओं को समझाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने गुरुवार को दारुल उलूम (Darul Uloom) के मोहतमिम समेत मुस्लिम समुदाय के जिम्मेदार लोगों के साथ वीआईपी गेस्ट हाऊस में बैठक की थी। उसमें धरने को समाप्त कराने के लिए मुस्लिम समाज के जिम्मेदार लोगों की एक कमेटी बनाई गई है। इसको धरनारत महिलाओं के साथ वार्ता करनी थी।

बैठक में डीएम (DM) आलोक पांडेय व एसएसपी (SSP) दिनेश कुमार पी ने कहा कि केंद्र सरकार ने संसद में भी लिखित रूप से कहा है कि अभी एनआरसी को लागू नहीं किया जा रहा है। फिर भी इस मुद्दे पर धरना देना गलत है। उन्‍होंने मुस्लिम समाज के नेताओं व दारूल उलूम के उलेमाओं से कहा कि वे महिलाओं को समझाकर धरना स्थगित कराएं। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई।

गुरुवार को देवबंद के पूर्व विधायक माविया अली, नगर पालिका चैयरमेन जियाउद्दीन अंसारी समेत नगर के बुद्धिजीवी व सभासदों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रोटेस्ट धरनास्‍थल पर पहुंचा। वहां उन्‍होंने महिलाओं को समझा-बुझाकर धरना समाप्त करने को कहा। इसके बाद महिलाएं कमेटी के सदस्‍यों पर भड़क गईं। उन्‍होंने गो बैक का नारे लगाते हुए उनकी बात मानने से इंकार कर दिया। आरोप है कि इस बीच महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्‍होंने प्रतिनिधिमंडल के ऊपर चूड़ियां फेंकी। आरोप यह भी कि उन्‍होंने प्रतिनधिमंडल को दौड़ा लिया।

वहीं, प्रशासन ने गुरुवार शाम को 110 महिलाओं को नोटिस जारी कर धरना समाप्त करने को कहा। एसडीएम देवबंद राकेश कुमार राय ने कहा कि 110 लोगों को नोटिस भेजा गया है, जो धरने परब ैठी हैं। नोटिस में लिखा है कि अगर कोई हिंसा या असामाजिक कार्य होता है तो उन पर कार्रवाई होगी। उधर, एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना है कि पीडब्‍ल्‍यूडी गेस्‍ट हाउस में गणमान्‍य लोगों के साथ बैठक की थी। देवबंद के गणमान्‍य लोग महिलाओं को समझााने के लिए गए थे। वहां उनका विरोध किया गया और वापस भेज दिया गया। कुछ असामाजिक तत्‍व इसके पीछे कार्य कर रहे हैं।

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