सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर हुई चर्चा, पाकिस्तान क्यों मना रहा है खुशी?
इस्लामाबाद: सऊदी अरब और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के कई एहम मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें कश्मीर का मुद्दा भी चर्चा में रहा, सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल-सऊद ने शनिवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से चर्चा करी।
पाकिस्तान पिछले कई महीनों से दबाव बनाकर जम्मू-कश्मीर मसले पर अपने एजेंडे के लिए इस्लामिक देशों से समर्थन पाने का प्रयास कर रहा है। वह इस सिलसिले सऊदी अरब की अगुआई वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (आइओसी) से भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों मंत्रियों ने सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने पर सहमति जताई। इनमें रणनीतिक साझेदारी बढ़ाए जाने का मसला प्रमुख है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने कश्मीर मसले पर सऊदी अरब के समर्थन पर आभार जताया।
उन्होंने कहा, कश्मीर मसले की ताजा स्थिति पर दोनों देशों ने चर्चा की है। यह चर्चा ओआइसी से जोड़कर की गई है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विकास में सहयोग पर भी चर्चा की। इससे पहले मीडिया में चर्चा आई थी कि पाकिस्तान कश्मीर मसले पर ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाए जाने के लिए सऊदी अरब पर दबाव डाल रहा है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही है। सऊदी विदेश मंत्री के ताजा पाकिस्तान दौरे में दोनों देशों के बीच विचार के लिए यह प्रमुख मुद्दा है।
कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार हाल में प्रधानमंत्री इमरान खान का मलेशिया दौरा भी सऊदी अरब पर दबाव बनाने का एक प्रयास था। मलेशिया, तुर्की और ईरान ओआइसी से अलग हटकर मुस्लिम जगत का एक मंच बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
इसमें वे पाकिस्तान की भी सक्रिय भागीदारी चाहते हैं। पाकिस्तान उनसे जुड़ा भी लेकिन बाद में सऊदी अरब के दबाव में पीछे हट गया था और इसी के चलते दिसंबर में कुआलालंपुर में हुए वैकल्पिक मंच के पहले सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम इमरान ने रद कर दिया था।
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