नफरत के कारोबार से ध्यान हटाइए ,और समाज की तरफ देखिये ,हिंदुस्तान बहुत सुंदर है

नई कॉलोनी में ज्यादातर हिंदू थे. वहां पर कोई मंदिर नहीं था. कॉलोनी के हिंदुओं के लिए पूजा करने के लिए दूसरी जगहों पर जाना पड़ता था. उसी कॉलोनी में हाजी यासीन की भी 112 गज जमीन थी. हाजी यासीन को इस परेशानी के बारे में पता चला. उन्होंने अपनी लाखों की कीमत की जमीन मंदिर के लिए दान कर दी. हिंदुओं ने आपसी सहयोग से मिलकर महादेव का मंदिर बनाया. पिछले महीने मंदिर बनकर तैयार हो गया है. अब कॉलोनी के सभी हिंदू इसी मंदिर में पूजा करते हैं.

इलाके में इस काम के लिए हाजी यासीन की तारीफ हो रही है. कॉलोनी निवासी विक्की ने कहा कि हाजी साब ने बेहद अच्छा काम किया, वे प्रशंसा के पात्र हैं. हाजी यासीन का कहना है कि ईश्वर-अल्लाह तो एक है. कॉलोनी के लोगों को जमीन की जरूरत थी तो मैंने अपनी जमीन दे दी जिसपर मंदिर बन गया. ये घटना बागपत की है.

हाजी यासीन सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे बागपत शांति समिति के सदस्य हैं. हाजी यासीन का मानना है कि समाज से नकारात्मक सोच को मिटाना होगा. नफरत से यह संसार नही चल सकता. आज भी देश में तमाम लोगों के पास खाने के लिए भोजन और रहने के लिए छत नहीं है. हमें ऐसे लोगों की मद्द करनी चाहिए. कोई मुसीबत में हो तो हमें उसकी सहायता करनी चाहिए. सभी लोग अपने-अपने धर्मों का पालन करें और इंसानियत के धर्म का पालन करने में सबसे आगे रहें. देशधर्म से बढ़कर कुछ भी नहीं है. लोगों को धर्म के नाम पर लड़ाने वाले तत्वों से दूर रहना चाहिए. किसी व्यक्ति से धर्म, जाति आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए. हम सब एक हैं. संसार की कोई ताकत हमारे भाईचारे को मिटा नहीं सकती.

अब जो हिंदू हाजी साब की जमीन पर मंदिर बनवा कर पूजा कर रहे हैं, वे कम से कम अपने जीते जी ये नहीं भूल सकते. जब समाज आपस में सुखदुख का साथी होता है तो उसे तोड़ा नहीं जा सकता.

बंटवारे के समय सरहद से इधर आए लोगों से आपने कहानियां सुनी हैं? ज्यादातर कहानियों में एक बात कॉमन होती है कि उनका कोई मुसलमान पड़ोसी था जो उन्हें रोक रहा था. कुलदीप नैयर जैसे बड़ी ​सख्शियत से लेकर हर आदमी की कहानी में ये मिलता है कि उन्हें किसी मुस्लिम ने वहां से निकाल कर सुरक्षित पहुंचाया. इसीलिए बंटवारा तो धर्म के आधार पर हुआ ​लेकिन दोनों तरफ हिंदू भी रहे और मुसलमान भी रहे, क्योंकि उन्हें भरोसा था कि हम यहां रहकर भी सुरक्षित रहेंगे. हमारे पुरखों ने उन्हें भरोसा दिया था.

याद रखिए कि धर्म इंसानियत के खिलाफ एक सियासी हथियार भी है, जिसका भरपूर इस्तेमाल किया जाता है. बावजूद इसके, इंसानियत आखिरकार धार्मिक कट्टरता को हरा देती है.

इस धरती पर हाजी यासीन जैसे करोड़ों लोग हैं. अगर ऐसे लोग गिनती के होते तो मैं रोज इतनी कहानियां कहां से लाता. आपसे मेरी अपील है कि नफरत के कारोबार से ध्यान हटाइए और अपने समाज की तरफ देखिए. हिंदुस्तान बहुत सुंदर है.

(अपील: आप सब मेरे दोस्त इन कहानियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करें.)

#हिंदुस्तानकीकहानी

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