नई दिल्ली: आजतक द्वारा आयोजित एक कॉन्क्लेव की कार्यवाही में उस समय असामान्य रुकावट का सामना करना पड़ा, जब बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने चैनल के मालिक अरुण पुरी और उनकी बेटी कल्ली पुरी से बार-बार आग्रह किया कि वो उनके बचाव में आये क्यूंकि कांग्रेस प्रवक्ता कन्हैया कुमार उन्हें कथित तौर पर झूठे बयान देने के लिए बार बार घेर कर बोलने से रोक रहे हैं।
दरअसल कन्हैया ने ये बताने की कोशिश की थी कि कैसे वह कभी भी राष्ट्रवाद के मुद्दे के खिलाफ नहीं रहे हैं और कहा कि इस विषय को भाजपा नेताओं द्वारा व्यक्तिगत और राजनीतिक लाभ के लिए हमेशा इस्तिमाल किया गया है। उन्होंने बताया कि कैसे पात्रा ने राष्ट्रवाद के मुद्दे का सहारा लेकर अपना कैरियर चमकाया है। उनके अनुसार, इस का ताज़ा उदाहरण है आईटीडीसी के नए चेयरमैन के रूप में पात्रा की शानदार पोस्टिंग।
कन्हैया ने यह पूछने की कोशिश की कि पात्रा के पास पहले सरकारी स्वामित्व वाली ओएनजीसी में निदेशक बनने के लिए कौन सी योग्यताएं थीं कि सरकार ने उन्हें अब आईटीडीसी का नया चेयरमैन बना दिया है।
कन्हैया द्वारा बार-बार किए गए हस्तक्षेप से परेशान पात्रा ने गुस्से में कार्यक्रम की मॉडरेटर चित्रा त्रिपाठी से पूछा कि क्या उनका इरादा सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ता के साथ ऐसा व्यवहार करने का है। त्रिपाठी से इन्साफ न मिलता देख भाजपा प्रवक्ता अरुण पुरी और उनकी बेटी कल्ली पुरी को संबोधित करने लगे, जो दोनों दर्शकों के बीच बैठे थे।
पात्रा की बार अपील ने कल्ली पुरी को एक असाधारण हस्तक्षेप करने के लिए मजबूरर किया और उन्होंने LIVE चर्चा को रोक कर कहा, “कन्हैया जी, एक सेकंड। क्या मैं एजेंडा आजतक के मंच पर सभी वक्ताओं से अनुशासन की रेखा का पालन करने के लिए कह सकती हूं, प्लीज? प्लीज संबित पात्रा जी या किसी अन्य वक्ता को अपनी पूरी बात रखने का पूरा समय दिया जाए। फिर आप कहें । कृपया बीच में उनका फैक्ट-चेक न करें। ये काम मॉडरेटर को करने दें। अन्यथा, एक दर्शक के रूप में, हम नहीं जान पाएंगे कि क्या हो रहा है। हम कुछ भी नहीं सुन पाएंगे। यह एक टीवी बहस नहीं है। मॉडरेटर के पास वो सुविधाएं नहीं हैं जिनकी मदद से वो आपका माइक बंद कर सके। ”
कल्ली के असाधारण हस्तक्षेप से पात्रा ‘आभारी’ दिखे और इसके लिए उन्होंने इंडिया टुडे की मालकिन का शुक्रिया ऐडा किया।
उन्होंने कहा, ”मुझे दर्द के साथ कहना पड़ रहा है कि यहां जो हो रहा है, वही संसद भी हो रहा है. वे हमें बोलने नहीं देते.
भाकपा के टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कन्हैया ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी के साथ नाता जोड़ लिया है।
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