पटना: पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार राज्य के छपरा (छपरा) जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 31 हो गई है.इस घटना को लेकर बुधवार को राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत ‘महागठबंधन’ सरकार और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला.
बिहार के शराबबंदी मामले के मंत्री सुनील कुमार के अनुसार, छपरा के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र में लोगों के मरने की सूचना है.छपरा के सिविल सर्जन-सह-चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा ने कहा, ‘ज्यादातर लोगों की मौत जिला मुख्यालय छपरा में स्थित अस्पताल में हुई है. कुछ लोग जो मंगलवार (13 दिसंबर) सुबह से ही बीमार थे, उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.’
सिन्हा ने फोन पर बताया कि चूंकि यह संदेह है कि मरने वाले सभी लोगों ने कुछ नशा किया था, पोस्टमॉर्टम के बाद उनके बिसरा का नमूना परीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर भेजा जा रहा है.इस बीच, जिला प्रशासन ने कहा कि उसने अधिकारियों की टीम गठित की है, जो प्रभावित गांवों का दौरा करेगी और प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका पता लगाने का प्रयास करेंगी, जिन्होंने संभवत: जहरीली शराब परोसी होगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि अगर कोई जहरीली शराब का सेवन करेगा, तो वह मर जाएगा.उन्होंने कहा, ‘पिछली बार जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई थी तो किसी ने कहा था कि उन्हें मुआवज़ा दिया जाना चाहिए. अगर कोई जहरीली शराब पीता है तो वो मर जाएगा. एक उदाहरण हमारे सामने है. इस पर शोक करना चाहिए, उन स्थानों का दौरा किया जाना चाहिए और लोगों को इसके नतीजों के बारे में बताया जाना चाहिए.’
गौरतलब है कि नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम गंभीर अपराधों के लिए कैद की सजा के अलावा आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान करता है. कानून में 2018 में संशोधन किया गया, जिसके तहत कुछ प्रावधान हल्के कर दिए गए.
witter.com/ANI/status/1603271253372329984
जेजेपी न्यूज़ को आपकी ज़रूरत है ,हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं,इसे जारी रखने के लिए जितना हो सके सहयोग करें.