सुप्रीम कोर्ट बिलकिस बानो के दोषियों की समय से पहले रिहाई पर विचार नहीं करना चाहता है. सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. दरअसल बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में 11 दोषियों की रिहाई के फैसले को चुनौती दी थी और मई 2022 के फैसले पर पुनर्विचार की गुहार लगाई थी.
सुप्रिम कोर्ट के इस फैसले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने बिलक़िस बानो की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी। बिलक़िस बानो का 21 साल की उम्र में गैंग रेप किया गया, उसके 3 साल के बेटे & 6 परिवार वालों का क़त्ल कर दिया गया, पर गुजरात सरकार ने उसके सभी रेपिस्ट को आज़ाद कर दिया। अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो कहाँ जाएँगे?
सुप्रीम कोर्ट ने बिलक़िस बानो की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी। बिलक़िस बानो का 21 साल की उम्र में गैंग रेप किया गया, उसके 3 साल के बेटे & 6 परिवार वालों का क़त्ल कर दिया गया, पर गुजरात सरकार ने उसके सभी रेपिस्ट को आज़ाद कर दिया। अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो कहाँ जाएँगे?
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 17, 2022
आपको बता दें कि इससे पहले बिलकिस बानो ने कहा था कि उससे जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों और उसके परिवार के सात लोगों की समय से पहले रिहाई से उनका न्याय से भरोसा टूट गया है. बिलकिस बानो गैंगरेप और परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी सभी 11 लोगों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था, जब भाजपा के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने उन्हें माफी नीति के तहत माफ कर दिया था .
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