अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल का दावा, फेसबुक मोदी सरकार के पक्ष में है

वाशिंगटन :अमेरिकी पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में फेसबुक अधिकारियों को मोदी सरकार के पूर्वाग्रह और भारत के सत्तारूढ़ दल के नेताओं के नफरत भरे पोस्ट के खिलाफ करवाई में बाधा के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में फेसबुक की शीर्ष नीति निर्माता, अंकित दास ने भारतीय जनता पार्टी के नेता टी राजा सिंह के खिलाफ सत्ताधारी पार्टी के साथ कंपनी के संबंधों को बनाए रखने के लिए घृणित पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति नहीं दी है।
WSJ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि फेसबुक ने बीजेपी नेताओं के ‘हेट स्‍पीच’ वाली पोस्‍ट्स के खिलाफ ऐक्‍शन लेने में ‘जान-बूझकर’ कोताही बरती। यह उस विस्‍तृत योजना का हिस्‍सा था जिसके तहत फेसबुक ने बीजेपी और कट्टरपंथी हिंदुओं को ‘फेवर’ किया।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्‍टर अनखी दास ने स्‍टाफ से कहा कि ‘बीजेपी नेताओं की पोस्‍ट्स हटाने से देश में कंपनी के कारोबार पर असर पड़ेगा।’ फेसबुक के लिए यूजर्स के लिहाज से भारत सबसे बड़ा बाजार है। रिपोर्ट में टी राजा सिंह की एक पोस्‍ट का हवाला दिया गया था जिसमें कथित रूप से अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ हिंसा की वकालत की गई थी। WSJ रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक के इंटरनल स्‍टाफ ने तय किया था कि ‘खतरनाक व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं’ वाली पॉलिसी के तहत राजा को बैन कर देना चाहिए।

फेसबुक के प्रवक्‍ता एंटी स्‍टोन ने कहा कि दास ने राजनीतिक अस्‍थ‍िरता को लेकर चिंता जाहिर की थी। हाालांकि स्‍टोन के मुताबिक, राजा को फेसबुक पर रहने देने के पीछे सिर्फ यही एक वजह नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार, WSJ के सवाल करने के बाद राजा की कुछ पोस्‍ट्स को डिलीट कर दिया गया। उन्‍हें अब फेसबुक पर आधिकारिक अकाउंट बनाने की अनुमति नहीं है। एक ईमेल में कंपनी के प्रवक्‍ता ने कहा, “हम हेट स्‍पीच या हिंसा केा बढ़ावा देने वाले कॉन्‍टेंट को प्रतिबंधित करते हैं और इस तरह की नीतियों को पूरी दुनिया में किसी की राजनीतिक स्थिति से इतर लागू करते हैं।”

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