नई दिल्ली: आइपीएल में सबसे ज्यादा डाट गेंद फेंकने वाले और दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तूफानी गेंदबाज आवेश खान अब बतौर बल्लेबाज भी पहचान बनाने को आतुर हैं। दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अनदेखी के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए 25 साल के आवेश को टी-20 और वनडे टीम में शामिल किया गया है।
आवेश ने कहा,चयन मेरे हाथ में नहीं है। इसलिए इस बारे में नहीं सोचता। फिर भी ईमानदारी से कहूं तो थोड़ा बुरा जरूर लगा था, क्योंकि आइपीएल के प्रदर्शन के बाद मुझे मौका मिलने की उम्मीद थी। मगर मैं जल्द ही इससे उबर गया और अपनी तैयारियों में जुट गया।
मैं कभी भी खाली नहीं बैठा। अभ्यास जारी रहा। नेट्स पर अभ्यास अलग होता है और मैच की स्थिति अलग होती है। इसलिए मैं नियमित क्लब मैच खेलकर अपनी क्षमताओं में सुधार करता रहा। इससे स्वयं का आंकलन भी होता है।
उम्मीद तो हमेशा होती है। मैं स्वयं को हमेशा तैयार रखता हूं। तेज गेंदबाज होने के नाते फिटनेस पर लगातार ध्यान देता हूं। साथ ही गेंदों में सटीकता को लेकर मेरा अभ्यास चलता रहता है।
मैं कोलकाता और अहमदाबाद दोनों जगह खेला हूं और यहां अच्छे प्रदर्शन के कारण ही भारतीय टीम तक पहुंचा हूं। भारत में विकेट थोड़े धीमे होते हैं। जब विकेट से मदद नहीं मिलती तो बल्लेबाज पर दबाव बनाना कारगार होता है। गेंदों में विविधता और सटीकता जरूरी है ताकि बल्लेबाज हमेशा संशय में रहे। मैं इसी पर ध्यान देता हूं।
मैं नियमित चौथे या पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए रन बना रहा हूं। मप्र के कोच चंद्रकांत पंडित ने कहा है कि मुझमें बल्लेबाजी की क्षमता है। यदि मैं निचलेक्रम पर टीम के लिए 30-40 रन भी बनाता हूं तो इससे टीम को बहुत फायदा होगा। इसलिए बल्लेबाजी के प्रति भी गंभीर हो गया हूं।
यह सही है कि मुझे बहुत ज्यादा विकेट मिले। इसके अलावा आइपीएल में सबसे ज्यादा डाट गेंद (खाली गेंद) मैंने ही फेंकी। मगर मैं अनकैप्ड खिलाड़ी हूं। अनकैप्ड खिलाड़ी के लिए आधार मूल्य 20, 30 और 40 लाख रुपये होता है। इसलिए मैंने 20 लाख रुपये आधार मूल्य तय किया।
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