नई दिल्ली :जिस प्रकार पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती उसी प्रकार आप हर व्यक्ति को गलत कैसे कह सकते हैं अब वो चाहें हिन्दू हो चाहें मुसलमान हो । ठीक उसी प्रकार जो मुस्लिम भारत के संविधान में आस्था रखते हैं उनको हम गलत कैसे कह सकते हैं बात हिन्दू और मुसलमान की नहीं है बात भारतीयता की है ये हिन्दू और मुसलमान का चक्कर देश के नेताओं ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए चलाया है जिसके जाल में वो चाहें हिन्दू हो चाहें मुसलमान हो फंस गया है
इसी हिन्दू मुस्लिम के चक्कर मे उलझाकर राजनीतिक दलों के नेता अपनी दुकान को चला रहे हैं और खूब फल फूल भी रहे हैं । चुनावों के दौरान तो हिन्दू और मुस्लिम के हितैषी बनने की एक प्रतियोगिता सी शुरू हो जाती है इस दौरान वोटों की फसल भी खूब काटी जाती है ।
जबकि भारत की उन्नति के लिए बात विकास की होनी चाहिए सर्वधर्म सदभाव की होनी चाहिए लेकिन इन नेताओं के चक्करदार चक्कर मे उलझकर जनता का या देश का विकास कहीं पीछे छूट जाता है वैसे जनता का या देश का विकास हो या न हो इन नेताओं का विकास दिन दूना रात चौगुना हुआ है ।
ठीक ऐसी ही बात रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिख कर की है उन्होंने ने लिखा रोज़ी रोटी पर ध्यान दें। हिन्दू मुस्लिम बिज़नेस बन गया है। ऑनिन बता रहे हैं कि इस धंधे से किसका फ़ायदा और किसका घाटा ।
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