भूल जाना कि मैं तुम्हारी बेटी हूं , पिता से लड़कर घर से आफताब संग भाग निकली श्रद्धा :पिता ने बयां किया दर्द

नई दिल्ली: आफताब संग लिव इन रिलेशनशिप में मुंबई से आकर दिल्ली में रह रही श्रद्धा ने परिवार से बगावत करके यह कदम उठाया था। लेकिन जिसके लिए यह सब किया था, उस आफताब ने ही कसाई का रूप धारण कर लिया और उसके 35 टुकड़े कर डाले। 18 मई को कत्ल के बाद करीब 18 दिनों तक वह रोज जंगल में जाता था और शरीर के कुछ अंगों को ठिकाने लगा आता था। उसने इस पूरे काम को मीट काटने वाले चाकू से अंजाम दिया था। इस बीच दिल्ली पुलिस की एफआईआर में खुलासा हुआ है कि श्रद्धा ने जब अपने घर से निकलने का फैसला लिया तो पिता से लड़कर आई थी।

श्रद्धा के पिता विकास मदन वाकर ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि श्रद्धा और आफताब के रिश्तों के बारे में उन्हें 8 या 9 महीने बाद पता चला था। उन्होंने कहा कि श्रद्धा ने अपनी दिवंगत मां से 2019 में कहा था कि मैं आफताब के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती हूं। श्रद्धा के पिता विकास ने कहा, ‘हमने उसके इस फैसले का विराध किया था। इसकी वजह यह थी कि हम हिंदू हैं और कोली जाति के हैं। वहीं वह लड़का मुसलमान था। हमारे परिवार दूसरे धर्म से रिश्तों को स्वीकार नहीं किया जाता। हमारे इनकार पर श्रद्धा का कहना था कि मैं 25 साल की हो गई हूं और अपने लिए सही फैसले ले सकती हूं।’

यही नहीं श्रद्धा ने पिता से कहा कि भूल जाना कि मैं तुम्हारी बेटी हूं और फिर घर से निकल गई। पिता ने कहा, ‘इसके बाद हमें उसके दोस्तों से खबर मिलती रही। पहले वे लोग नया गांव में रहते थे और फिर वसई में रहने लगे। कुछ वक्त बाद श्रद्धा ने अपनी मां से बताया था कि आफताब उससे लड़ाई करता है और पीटता है। मां की मौत के बाद श्रद्धा ने मुझसे भी कई बार फोन पर बात की थी। तब भी उसने आफताब के हाथों पीटे जाने की बात कही थी।’ यही नहीं श्रद्धा कुछ वक्त के लिए घर भी आ गई थी, लेकिन आफताब के माफी मांगने के बाद वापस लौट गई थी।

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