ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि हिंदुओं को अपनी लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में करने के फॉर्मूले का पालन करना चाहिए। एआईयूडीएफ अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह मुस्लिम लड़कियों के लिए 10 कॉलेज खोलेगा। मैं उनसे अपील करूंगा कि वे अपने द्वारा बनाए गए कॉलेजों में हिंदू लड़कियों को प्रवेश दें। हम सभी लड़कियों को शिक्षित करना चाहते हैं।
मुसलमानों की तरह हिंदू भी इसे अपनाएं, लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में कराएं @BadruddinAjmal pic.twitter.com/jagWIc2Tfn
— JJP News (@jjpnewshindi) December 2, 2022
एएनआई से बात करते हुए बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मुस्लिम लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में हो जाती है, लेकिन हिंदू लड़कियों की शादी 40 साल की उम्र में नहीं होती है। वे 40 साल की उम्र तक अवैध पार्टनर रखते हैं। वे बच्चे नहीं पैदा करते और पैसे बचाते हैं। लेकिन 40 साल की उम्र के बाद इनकी शादी हो जाती है। फिर आप बच्चों को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? उन्हें (हिंदुओं को) मुस्लिम फॉर्मूले को स्वीकार करना चाहिए और अपने बच्चों की शादी 20-22 साल की उम्र में कर देनी चाहिए। 18-20 साल की उम्र में लड़कियों की शादी करा दो और फिर देखो कितने बच्चे पैदा होते हैं।
जब आप उपजाऊ जमीन में बीज बोयेंगे तभी उसका फल आपको मिल सकता है। उसके बाद, हर जगह विकास और विकास देखा जा सकता है। वहीं पूरे मामले पर मौलाना साजिद रशीदी ने बदरुद्दीन अजमल की टिप्पणी का समर्थन किया। मौलाना ने कहा, “18 साल की उम्र होने के बाद मुसलमान उनकी (लड़कियों की) शादी करवाते हैं। हिंदुओं में रिश्तों का चलन शुरू हो गया है। इसमें कोई शक नहीं है। हिंदुओं में तलाक का अनुपात ज्यादा है।”
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