मैं 2,800 KM चला, मुझे कहीं भी नफरत नहीं दिखी मगर मैं जब भी ‘न्यूज चैनल’ खोलता हूं तो हमेशा नफरत दिखाई देती है : राहुल गांधी

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली के लाल किले पहुंच गई है। इस दौरान राहुल गांधी लाल किले से संबोधित कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि देश में 24 घंटे हिंदू-मुस्लिम पर बात हो रही है। इस यात्रा का लक्ष्य भारत को जोड़ना है। राहुल ने कहा कि 2800 किलोमीटर की यात्रा में मुझे कहीं नफरत नहीं दिखी। गांधी ने कहा कि आज डिग्रीधारी युवा पकौड़े बेच रहे हैं।

लाल किले से राहुल गांधी ने कहा, “पूरा देश जानता है कि ये नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं, अंबानी-अडानी की सरकार है। मैं 2,800 किमी चला, मुझे कहीं भी नफरत या हिंसा नहीं दिखी मगर मैं जब भी न्यूज चैनल खोलता हूं तो हमेशा नफरत-हिंसा दिखाई देती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये आपका ध्यान इधर से उधर लेकर जाना चाहते हैं। जो सच्चे मुद्दे हैं उस पर आपका ध्यान गलती से भी नहीं चला जाए।

भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली के लाल किले पहुंचने पर अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की समस्या हल नहीं हो रही है। हमने अपनी यात्रा में कपड़े, वेशभूषा और धर्म नहीं देखा। राहुल ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में सभी धर्म के लोग शामिल हुए। मुझे देश में कहीं नफरत नहीं दिखी। राहुल ने कहा कि अगर इस देश को कोई रोजगार दे सकता है तो वो किसान और छोटे व्यापारी दे सकते हैं क्योंकि ये देश में लाखों हैं। ये लोग 24 घंटे लगे रहते हैं। इनके लिए बैंक के दरवाजे बंद रहते हैं।

इस दौरान कांग्रेस सांसद ने कह कि हिंदुस्तान के 2-3 अरबपतियों को 1 लाख करोड़, 2 लाख करोड़, 3 लाख करोड़ आसानी से दे दिया जाता है मगर ये (किसान और छोटे व्यापारी) बैंक के सामने जाते हैं तो इनको धकेलकर निकला दिया जाता है। राहुल ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में कुत्ते भी आए लेकिन किसी ने उन्हें नहीं मारा। गाय, भैंस, सूअर, सब जानवर आ गए। यह यात्रा हमारे भारत की तरह है, न घृणा, न हिंसा।

राहुल ने कहा कि जब मैं 2004 में राजनीति में आया, हमारी सरकार सत्ता में आई और मीडिया दिन भर मेरी तारीफ करता रहा। फिर मैं भट्टा परसौल (यूपी में) गया और किसानों की जमीन का मुद्दा उठाया और वे मेरे खिलाफ हो गए। राहुल गांधी ने चांदनी चौक की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘यहां मंदिर भी है, मस्जिद है और गुरुद्वारा है। यही हिंदुस्तान है।’’ उन्होंने दावा किया कि नफरत फैलाकर ध्यान भटकाया जाता है और हवाई अड्डे, बंदरगाह, सड़कें और देश की संपत्तियां ‘प्रधानमंत्री के मालिकों’ के हवाले कर दी जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई जेब काटता है तो पहले यह देखता है कि जिसकी जेब काटी जा रही है, उसका ध्यान भटक जाए। यही देश में हो रहा है कि ध्यान भटकाक़र देश की जेब काटी जा रही है।’’-

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