कनाडा में एक मुस्लिम टीचर को क्लास में हिजाब पहनने पर किया बर्खास्त, तो टीचर के समर्थन में उतरे छात्र और अभिभावक

कनाडा में एक मुस्लिम टीचर को क्लास में हिजाब पहनने के कारण उसके पद से हटा दिया गया। स्कूल के इस कदम ने उस प्रांतीय कानून के खिलाफ लोगों के आक्रोश को बढ़ा दिया है जो सरकारी सेवाओं में शामिल लोगों को धार्मिक प्रतीकों को पहनने से मना करता है। क्यूबेक स्थित डेली की रिपोर्ट के अनुसार चेल्सी एलेमेंट्री स्कूल में टीचर फतेमेह अनवरी को उनके पद से हटा दिया गया और उसी स्कूल में एक दूसरे प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए उनका ट्रांसफर कर दिया गया।

रिपोर्ट के अनुसार फतेमेह के ड्रेस कोड ने बिल 21 नामक क्यूबेक के ‘धर्मनिरपेक्षता’ कानून का उल्लंघन किया था। 2019 में पारित यह विवादास्पद कानून कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों जैसे न्यायाधीशों, वकीलों और पब्लिक स्कूल के शिक्षकों को कार्यस्थल पर धार्मिक प्रतीकों को प्रदर्शित करने से रोकता है। इस कानून को पारित होने के बाद कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए इसकी आलोचना भी की गई थी।

फतेमेह अनवरी को इस महीने की शुरुआत में इस फैसले के बारे में सूचित किया गया था। उन्होंने कनाडाई टेलीविजन नेटवर्क सीटीवी न्यूज को बताया कि यह मुद्दा एक व्यक्तिगत घटना से बड़ा है। अनवरी कहा, ‘यह मेरे कपड़ों के बारे में नहीं है। यह एक बड़ा मुद्दा है। यह इंसानों के बारे में है। मैं नहीं चाहती यह कोई निजी विषय बने क्योंकि इससे किसी का भी भला नहीं होगा। मैं चाहती हूं कि लोग इसके बारे में सोचें कि कैसे बड़े मुद्दे दूसरों के जीवन को प्रभावित करते हैं।

मेरे लिए हिजाब एक धार्मिक पहचान से कहीं ज्यादा’
अनवरी ने बताया कि वेस्टर्न क्यूबेक स्कूल बोर्ड के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए उनसे पूछा गया कि क्या हिजाब एक ‘धार्मिक या सांस्कृतिक’ प्रतीक है? मैंने कहा कि यह मेरे लिए एक पहचान से अधिक है। मैं यह नहीं कहती कि हिजाब एक धार्मिक प्रतीक है क्योंकि मैं यह नहीं मानती कि जिसने हिजाब नहीं पहना है वह इस्लाम का पालन नहीं कर रहा। मुझे लगता है कि हर कोई इसे पहनना या न पहनना चुन सकता है और इससे धर्म के प्रति उनकी आस्था कम नहीं होती।

उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए एक पहचान से ज्यादा है। यह एक तरह का विरोध है क्योंकि यह मुझे इसे पहनने का अधिकार देता है। लेकिन इसके बावजूद मुझे बताया गया कि यह एक धार्मिक प्रतीक के रूप में गिना जाता है।’ मॉन्ट्रियल गजट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई छात्र और माता-पिता, जो अनवरी का समर्थन करते हैं एक फेंस पर हरे रंग के रिबन को लटका रहे हैं। और इस मुद्दे पर सांसदों को पत्र लिख के एक अभियान का आयोजन कर रहे हैं।

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