वाशिंगटनः 20 जनवरी को व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार सार्वजनिक भाषण को संबोधित किया।
अपने भाषण में उन्होंने जलवायु का मुद्दा उठाया। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि “जब अमेरिका पहले से ही स्वच्छ है तो पेरिस समझौते से फिर से जोड़ने की क्या ज़रूरत।” उन्होंने कहा कि चीन, रूस और भारत जैसे देश स्वच्छ नहीं है तो ऐसे में पेरिस से जुड़ने का क्या फायदा।
रविवार को फ्लोरिडा में हुई कंजरवेटिव राजनीतिक कार्रवाई समिति में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पेरिस समझौते से वापस जोड़ना बेहद भेदभाव पूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास स्वच्छ हवा और पानी है। जबकि चीन, रूस और भारत स्वच्छ नहीं है वह धुआं छोड़ रहे हैं।
आपको बता दें कि पैरिस समझौता वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन के दौरान 12 दिसम्बर को पारित किया गया था। 4 नवम्बर 2016 को यह समझौता लागू हो गया था।
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान पेरिस समझौते को स्वीकार किया था।
परंतु अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यभार संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से अगस्त 2017 में औपचारिक रूप से इस समझौते से बाहर होने की बात कही गई थी।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि ” हमारे नागरिकों के संरक्षण के अपने गंभीर कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हट रहा है।”
अब जो बाइडेन ने अमेरिका की 46वे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद इस समझौते से दोबारा जुड़ने की बात कही है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा कि पेरिस समझौते से वापस जुड़ना बेहद ही भेदभाव पूर्ण और महंगा है।
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