रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने आयोजित एक प्रमुख वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की ऐसी किसी भी प्रकार की अभिव्यक्ति की आज़ादी को जस्टिफाई नहीं किया जा सकता है जिसमें की भावनाओं का अपमान हो ये बयान पुतिन ने पैंगबर मोहम्मद के अपमान को अभिव्यक्ति की आज़ादी बता कर होने वाली घटनाओ को लेकर कही।
उन्होने कहा, आइए इस मुद्दे के इस पहलू के बारे में सोचें। हमें सामान्य रूप से स्वतंत्रता प्रदान करनी चाहिए, क्योंकि इसके बिना एक उदास और उबाऊ भविष्य हमारा इंतजार कर रहा है, लेकिन हमें यह महसूस करना चाहिए कि यह स्वतंत्रता हमारे लक्ष्यों के विपरीत है जब यह किसी और की स्वतंत्रता के साथ छेड़छाड़ करती है।
पुतिन ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “क्या पैगंबर मुहम्मद का अपमान करना अभिव्यक्ति की आज़ादी हो सकती है? मुझे ऐसा नहीं लगता। इस तरह के मामले अन्य, इस तरह के मामले लोगो को उकसाने का काम कर करते हैं
पुतिन ने 7 जनवरी को पेरिस में “चार्ली हेब्दो” पत्रिका के मुख्यालय पर हुए खूनी आतंकवादी हमले को याद किया, जब उसने पैगंबर मुहम्मद के कैरिकेचर प्रकाशित किए थे, जिसमें आतंकवाद को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया गया था, ये पहला मामला है होगा की जब किसी रूसी राष्ट्रपति ने इस्लामोफोबिया के खिलाफ इतना खुल कर बयान दिया है आपको बताते चले की अमेरका भी अब अपनी छवी सुधारने की कोशिश कर रहा है इसी दिशा मे पिछले दिनो वहां की संसद में इस्लामोफोबिया के खिलाफ़ विधेयक पेश किया गया जिसे वहां की मुस्लिम सिनेटर इल्हाम उमर ने पेश किया था।
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