शिवराज सिंह के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर बोले पत्रकार तब्लीगी जमात पर खुलेआम बयान देने वाले के पास भी कोरोना पहुँच गया

भोपाल:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। देश में किसी मुख्यमंत्री के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की यह पहली घटना है। मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सीएम हाउस पहुंची और मुख्यमंत्री शिवराज के परिवार के सदस्यों और वहां मौजूद स्टॉफ की जांच की। एंबुलेंस से मुख्यमंत्री को अस्पताल लाया गया। चिरायु अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मीडिया को भी अस्पताल से दूर कर दिया गया है।

इस पर पत्रकार गिरीश मालवीय ने अपने फेसबुक पर लिखा “कोरोना पॉजिटिव पाए गए शिवराज सिंह मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश ने 10 अप्रैल को खुलेआम यह बयान दिया था कि “तब्लीगी जमात के सदस्यों ने विशेष रूप से इंदौर और भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार किया है।”

पूरे देश भर में उस वक्त यही माहौल बना हुआ था कि जमाती कोरोना फैला रहे हैं। बहुत भयानक समय था.. दोनों समुदायों के बीच आपसी सद्भाव ओर भाईचारे की भावना बिल्कुल खत्म नजर आने लगी थी लेकिन जमाती वाला मामला ज्यादा दिन नही चल पाया और संक्रमण दूसरे इलाकों में भी सामने आने लगा कोरोना का प्रसार नहीं रुका।

आज हालत यह है कि देश मे रोज 50 हजार के आसपास नए मामले निकल रहे हैं। अगर जमाती/ मुसलमान ही कोरोना फैला रहे थे तो अब यह कैसे फैल रहा है ? यह बड़ा सवाल है लेकिन इस सवाल का जवाब खोजा जा सकता है।

इंदौर में कल कोरोना संक्रमितों के कांट्रेक्ट ट्रेसिंग का डेटा का अध्ययन कर कुछ आँकड़े प्रशासन ने रिलीज किये जिससे यह पता चलता है कि संक्रमण किन स्थानों से सबसे अधिक फैला है। इंदौर में कुल मरीजो की संख्या 6500 के लगभग है आप को ये घोर आश्चर्य होगा कि इंदौर शहर में मंदिर, मस्जिद और जमात के कारण भी अब तक केवल 9 लोग संक्रमित हुए हैं।

ये जानकर भी चौक जाएंगे कि इंदौर में कोरोना फैलने की वजह बताई जा रही सब्जी मंडी, किराना और मेडिकल दुकानो से भी बहुत ही कम संक्रमण फैला है कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक कुल संक्रमितों में से सिर्फ 3.75 फीसदी मरीज ही इन जगहों पर जाने से बीमार हुए।

तो फिर संक्रमण आखिर कैसे फैला ? दरअसल सबसे ज्यादा संक्रमण फैला है अस्पताल जाने या वहां सेवा देने (मेडिकल स्टॉफ), मरीजों के संपर्क में आने से कंटेनमेंट एरिया में जाने से लोग संक्रमण के शिकार हुए हैं।

इसका एक मतलब यह भी है कि इंदौर का प्रशासन अस्पतालों और कंटेनमेंट एरिया को सेनीटाइज करने में आवाजाही रोकने में असफल रहा है।

यह तो सिर्फ इंदौर की बात है यदि सरकार चाहे तो देश भर में कांट्रेक्ट ट्रेसिंग के डाटा के आधार कोरोना के प्रसार का सही कारण पता लगा सकती है लेकिन सरकार ऐसा करेगी नहीं क्योकि उनकी सारी पोल खुल जाएगी।

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