नई दिल्ली : (सुमरा परवेज़) अयोध्या मंदिर में भूमि पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी है। पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में लाल कृष्ण आडवाणी को न्योता नहीं दिया गया। न्योता ना मिलने पर लोग अलग अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं, तो इसी कड़ी में पत्रकार प्रशान्त कनोजिया ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि
“क्रिमिनल आक़ाओं का यही हश्र होगा। जो कभी रथ का नेतृत्व करते थे आज उनको कोई पानी पूछने वाला तक नहीं है।
क्रिमिनल आकाओं का यही हश्र होगा। जो कभी रथ का नेतृत्व करते थे आज उनको कोई पानी पूछने वाला तक नहीं है।
https://t.co/avwfejwm4F— Prashant Kanojia (@PJkanojia) August 4, 2020
वहीं लालकृष्ण आडवाणी ने भी ब्यान जारी कर कहा है मैं यह महसूस करता हूं कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान, भाग्य ने मुझे 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा के रूप में एक महत्वपूर्ण कर्तव्य निभाया। अपने अनगिनत प्रतिभागियों की आकांक्षाओं, ऊर्जाओं और जुनून को मज़बूत करने में मदद की।
बता दें कि आडवाणी का जब भी ज़िक्र होता है, तो उनकी बहुचर्चित ‘रथयात्रा’ की भी चर्चा ज़रूर होती है।ये किस्सा साल 1990 का है। जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा ज़ोर पकड़ रहा था।
इसी बीच लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक ‘रथयात्रा’ निकालने की घोषणा कर दी थी। इस रथयात्रा के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी मिली थी देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को।इसके पीछे दो वजहें थीं।
एक तो नरेंद्र मोदी नेशनल मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत थे और दूसरा उनका प्रबंधन कौशल था। यहां तक की उन्होंने वीपी सिंह से लेकर यूपी सरकार तक को रथयात्रा रोकने की चुनौती दे डाली थी।
रथयात्रा शुरू हुई, लेकिन असली ट्विस्ट बाकी था।इधर आडवाणी रथ पर सवार थे और उधर बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दिलो-दिमाग में कुछ और चल रहा था। उन्होंने बिहार में लालकृष्ण आडवाणी का रथ रोकने की ठान ली थी और इसके लिए पूरा प्लान बना लिया गया।आडवाणी की रथयात्रा धनबाद से शुरू होने वाली थी और उन्हें सासाराम के नज़दीक गिरफ्तार करने की योजना थी।हालांकि यह योजना लीक हो गई। बाद में धनबाद में गिरफ्तारी का प्लान बना, लेकिन अधिकारियों के बीच मतभेद के बाद यह योजना भी खटाई में पड़ गई। इसी बीच आडवाणी की यात्रा का एक पड़ाव समस्तीपुर भी था। लालू यादव उन्हें यहां हर हाल में गिरफ्तार करना चाहते थे। लालकृष्ण आडवाणी समस्तीपुर के सर्किट हाउस में रुके थे और लालू यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें कहीं न जाने दिया जाए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था ।
जेजेपी न्यूज़ को आपकी ज़रूरत है ,हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं,इसे जारी रखने के लिए जितना हो सके सहयोग करें.