नई दिल्ली : देवबंद के जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने मध्यप्रदेश के खरगोन में राम नवमी के दौरान हुई हिंसात्मक कार्रवाई को फासीवाद परआधारित कार्रवाई बताई है।
उन्होंने कहा कि राम नवमी पर्व पर देश के कई राज्यों विशेषकर मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा निंदनीय है। जिसके बाद बाद सरकार एवं प्रशासन द्वारा आरोपियों के घरों और दुकानों के विध्वंस किया गया।
इस पर मदनी ने कड़ी आपत्ति और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि दंगाइयों ने देश में आदत बना ली है कि वह मुस्लिम मोहल्लों में नफरत पर आधारित नारे लगाते हैं। वहां अत्यधिक भड़काऊ कृत्यों को अंजाम देते हैं। मस्जिदों एवं इबादतगाहों का अपमान करते हैं। उन्हें इस संबंध में कानून व्यवस्था की तरफ से कोई बाधा या कठिनाई भी नहीं है।
मौलाना मदनी ने गृह मंत्री से शिकायत की जमीयत उलेमा की स्थानीय इकाई को रिपोर्ट मिली है, जिसमें स्थानीय पुलिस टीम अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल पैदा कर रही है। यह सब देखकर देश के सभी हिस्सों में अल्पसंख्यक समुदाय में अन्याय की गहरी भावना पाई जाती है।
उन्होंने खरगोन हिंसा की सच्चाई को सामने लाने के लिए एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कमेटी का गठन करने की मांग की है। साथ ही उन सभी लोगों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की मांग की है, जिन्होंने जुलूस के दौरान हिंसा को हवा दी। जिसके कारण यह पूरी घटना हुई।
कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों के भेदभावपूर्ण रवैये का संज्ञान लेते हुए संपत्तियों के विध्वंस को तुरंत रोका जाए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि देश में बेकाबू स्थितियों पर रोक लगाए और देश को अराजकता की राह पर चलने से रोकें।
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