लखनऊ :यूपी में इंसानों के जान से खेलवार। आगरा के एक अस्पताल में 5 मिनट के लिए मॉकड्रिल की गई। ऑक्सीजन बंद कर दिया गया। 5 मिनट में 22 लोगों की जान चली गई। इस अस्प-ताल का नाम पारस हॉस्पिटल है। इसके मालिक है डॉक्टर अरंजय जैन। हॉस्पिटल में मौतों ने record बनाया लिया है मगर आगरा के प्रशासन ने इस अस्पताल के कुकृत्यों के लिए आँख बंद कर लीं हैं।
इस मामले पर आवाज़ उठाते हुए पत्रकार बर्जेश मिश्रा ने अपने ट्विटर पर लिखा “आगरा के पारस अस्पताल में हुए नरसंहार पर कोई एक्शन नही हुआ। जबकि ये सोच समझकर की गयी सामूहिक हत्या है। नरसंहार है। आरोपी खुद ठन्डे दिमाग से सोच समझकर वीडियो मे अपनी क्रूरता को हंसकर कबूल रहा। हत्यारा कह रहा है उसने 22 मरीज मारे हैं। लेकिन डीएम क्लीन चिट दे रहे है, तुमने नहीं मारे।\
आगरा के पारस अस्पताल में हुए नरसंहार पर कोई एक्शन नही हुआ। जबकि ये सोच समझकर की गयी सामूहिक हत्या है। नरसंहार है। आरोपी खुद ठन्डे दिमाग से सोच समझकर वीडियो मे अपनी क्रूरता को हंसकर कबूल रहा। हत्यारा कह रहा है उसने 22 मरीज मारे हैं। लेकिन डीएम क्लीन चिट दे रहे है, तुमने नहीं मारे।
— Brajesh Misra (@brajeshlive) June 8, 2021
उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में लिखा “ये क्रूरतम अपराध है। शायद सद्दाम हुसैन ने भी कभी ऐसा नहीं सोचा होगा। जो जघन्यता आगरा के पारस अस्पताल प्रबंधन ने दिखाई। ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी। तड़पकर मर गए 22 मरीज। ये दावा खुद एक वीडियो में अस्पताल मालिक डॉ अरिंजय जैन ने किया। ऐसा करते वक़्त क्या इसका हाँथ भी नहीं कांपा होगा ?
बर्जेश मिश्रा ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा ये नाइंसाफी की इंतेहा है। प्रयागराज की पावन धरती आज शर्मसार है। एक युवती के साथ सरकारी अस्पताल मे गैंगरेप हुआ। युवती ने पुलिस को बयान भी दिया। लेकिन FIR तक नही लिखी गयी। आज युवती ने उसी अस्पताल मे तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। ज़िंदा थी तो इंसाफ के लिए दुत्कारी गयी। ये अमानवीयता है।ये कहानी अपार पीड़ा में डूबी हुई है। एक पूरा परिवार मिट गया। शाहजहांपुर के व्यापारी अखिलेश गुप्ता। पत्नी और 2 बच्चों समेत आत्महत्या कर ली। कोरोना के दौरान की आर्थिक मंदी बिजनेस को बदरंग कर गई। कोरोना से परिवार मिट रहे, बिखर रहे है। सरकार की नाकामी लोगो के जीवन पर भारी पड़ रही है।
बता दें कि बीते वर्ष भी इस अस्पताल में विवाद हुआ था । आगरा में मई में 3596 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए हैं, बीते वर्ष मई में केवल 102 जारी हुए थे।आगरा में कोरोना से अबतक 429 मौतें सरकारी आँकड़ों में हैं। कल्पना की जा सकती है कि सरकार किस कदर आँकड़ों का खेल कर रही है अनुमान है कि आगरा में अबतक कोरोना से कम से कम 10 हज़ार मृत्यु हुई हैं।
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