न्यूयॉर्क :यूएन के बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ ने कहा है कि मानवीय सहायता निधि में “भारी” गिरावट के बीच युद्धग्रस्त यमन में कोरोनोवायरस महामारी के रूप में लाखों बच्चों को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है।
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट आई है, “यमन पर पांच साल: बच्चे, संघर्ष और कोविड -19” इसमें कहा गया है कि भूखमरी के शिकार यमनी बच्चों की संख्या वर्ष के अंत तक 2.4 मिलियन तक पहुंच सकती है, जो वर्तमान आंकड़े में 20% की वृद्धि है।
यूनिसेफ ने चेतावनी दी है “यमन की विनाशकारी स्वास्थ्य प्रणाली और कोरोनोवायरस से निपटने के लिए बुनियादी ढाँचे पूरी तरह लचर हालत में है, बच्चों के लिए ऐसी स्थिति काफी भयानक होने वाली है।”
रिपोर्ट में इस बात का भी ज़िक्र है कि सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन और ईरान समर्थित विद्रोहियों के बीच युद्ध के पांच साल बाद यमन के खराब स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को कोरोनोवायरस महामारी से लड़ने के लिए तैयार नहीं किया गया है उसको और भी बेकार कर दिया गया है। युद्ध, जिसमें ज्यादातर गतिरोध था, उसने दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट को भी जन्म दिया है।
2015 में इसकी हालत और खराब हुई जब सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार की ओर से यमन की धरती पर कदम रखा, पिछले साल राजधानी, साना और उत्तर में किये गये हमले किसी से ढंका छुपा नहीं है।
जेजेपी न्यूज़ को आपकी ज़रूरत है ,हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं,इसे जारी रखने के लिए जितना हो सके सहयोग करें.