इस्लामाबाद :इमरान ख़ान ने अपने ट्वीट में लिखा, “2019 में मैंने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कहा था कि कैसे भारत की फासिस्ट मोदी सरकार ने बालाकोट का इस्तेमाल चुनावी फ़ायदों के लिए किया था। एक भारतीय पत्रकार की, (जिसे जंग की भड़काऊ भाषा बोलने के लिए जाना जाता है) बातचीत ने मोदी सरकार और भारतीय मीडिया के बीच बने हुए ग़लत तानेबाने को बयां कर दिया है।”
अपने अगले ट्वीट में इमरान ख़ान ने लिखा, “इसकी वजह से एक ख़तरनाक सैन्य दुस्साहस की स्थितियां पैदा की गईं, ताकि चुनाव जीता जा सके। इससे पूरे इलाक़े में अस्थिरता पैदा करने के दुष्परिणामों को नज़रअंदाज कर दिया गया। पाकिस्तान ने बालाकोट मामले में एक ज़िम्मेदाराना और संतुलित प्रतिक्रिया दी और इस तरह से एक बड़े संकट को पैदा होने से रोक दिया।”
पाक पीएम ने अपने ट्वीट में आगे कहा, “भारत का पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देना, भारतीय क़ब्ज़े वाले जम्मू और कश्मीर में इसकी ज़्यादतियाँ और हमारे खिलाफ 15 साल से जारी गलत प्रचार की मुहिम, ये सब बेपर्दा हो गए हैं। अब भारत की खुद की मीडिया इस गठजोड़ की जानकारी दे रही है। इस गठजोड़ से हमारा परमाणु संपन्न पूरा इलाक़ा एक ऐसी जंग में फंस सकता है, जिसे बर्दाश्त कर पाना मुमकिन नहीं होगा।”
अपने आख़िरी ट्वीट में इमरान खान ने कहा, “मैं दोहराना चाहता हूं कि मेरी सरकार भारत के पाकिस्तान के ख़िलाफ किए जा रहे षड्यंत्रों और मोदी सरकार के फासिज्म का पर्दाफाश करना जारी रखेगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के इस विवेकहीन, सैन्य एजेंडे को रोकना होगा, अन्यथा मोदी सरकार इस पूरे इलाके को एक ऐसे विवाद में धकेल देगी। जहां से इस पर नियंत्रण पाना नामुमकिन हो जाएगा।”
In 2019, I spoke at UNGA on how India’s fascist Modi govt used the Balakot crisis for domestic electoral gains. Latest revelations from communication of an Indian journalist, known for his warmongering, reveal the unholy nexus between the Modi govt & Indian media
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) January 18, 2021
बता दें कि, इससे पहले रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 2019 के पुलवामा हमले को एक “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” करार दिया था। ‘रिपब्लिक टीवी’ के संस्थापक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हॉट्सएप चैट्स के वायरल होने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से यह प्रतिक्रिया सामने आई है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने ट्वीट में लिखा, “भारत में बातचीत की हालिया जानकारी सामने आने से हमारी उस राय की पुष्टि होती है कि आरएसएस-भाजपा सरकार फर्जी तरीके से लड़ाई भड़काने का काम करती है, पाकिस्तान को बदनाम करती है और उस पर आतंक से संबंधित आरोप लगाती है और चुनाव जीतने के लिए उग्र-राष्ट्रवाद का सहारा लेती है।”
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