हैदराबाद :’हर घर तिरंगा’ अभियान के बीच AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ‘हिंदुस्तान की आजादी में मुसलमानों की भूमिका’ के बारे में बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खुलकर हमला बोला. ओवैसी ने कहा कि देश की आजादी में योगदान देने वाले मुस्लिमों को भी प्रधानमंत्री को याद करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने गोडसे को लेकर भी तंज कसा और कहा कि आजादी के लिए जमीन हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने तैयार की थी, ना कि गोडसे ने.
ओवैसी ने कहा कि काला पानी का पहला कैदी हैदराबादी- फजल-ए-हक खैराबादी था. उन्होंने कहा कि मैं मुसलमानों से नफरत करने वालों से पूछता हूं- क्या आप जानते हैं माल्टा कहां है? शेख उल हिंद महमूद उल हसन को मक्का से गिरफ्तार किया गया था. तीन साल उन्हें माल्टा जेल में रखा गया था.
झांसी की रानी को तो याद किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं खुदा बख्श (सेना के इंचार्ज) उनकी सेवा करते हुए शहीद हो गए थे. एक महिला जो हमेशा झांसी की रानी के साथ थी और कोटा के युद्ध के दौरान शहीद हो गई थी- उसका नाम मंजर था- वह एक मुस्लिम थी.
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग तिरंगे के बारे में बात करते हैं- क्या वे 6 दिसंबर को क्या हुआ और पिछले साल अगस्त में क्या हुआ, इस बारे में भी बात करेंगे? विभाजन के लिए मुसलमान जिम्मेदार नहीं हैं.
ओवैसी ने कहा कि भटकनिया अंसारी कौन थे? वे महात्मा गांधी के लिए खाना बनाते थे. अंग्रेजों ने उन्हें महात्मा गांधी के भोजन में जहर देने के लिए कहा. लेकिन वह दौड़ता हुआ आया और गांधी से कहा कि वह खाना ना खाएं. लेकिन, आप देखिए महात्मा गांधी को गोली मारने वाले कौन लोग थे. उन्होंने आगे कहा कि भारत की आजादी के लिए शहीद हुए पहले पत्रकार मोहम्मद मौलवी बकर थे, उनकी हत्या अंग्रेजों ने की थी.
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