गुजरात : 2002 के गुजरात दंगे के दौरान एक तरफ हर अखबारों की सुर्खियों में था. फोटो में एक शख्स हाथ में लोहे का राड लिए खड़ा था और उस शख्स का नाम है अशोक मोची (Ashok Mochi). जबकि, इस बार फिर गुजरात में विधानसभा का चुनाव हो रहा है, तो वह फिर से चर्चाओं में हैं. इस बार चर्चा में रहने की वजह अशोक मोची (Ashok Mochi) सरकार को लेकर दिया गया बयान है. अशोक मोची (Ashok Mochi) ने कहा कि युवाओं के लिए नौकरी नहीं है. गुजरात में रोबोट राज है, सब कुछ दिल्ली से कंट्रोल होता है, लेकिन लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. महंगाई के मारे गुजारा नहीं हो पा रहा है.
अशोक मोची (Ashok Mochi) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिये श्रीनेत ने शेयर करते हुए लिखा गुजरात दंगे के दौरान की अशोक मोची की यह तस्वीर तो याद होगी – सुनिए अब क्या कह रहे हैं – गुजरात मॉडल पर
चरणचुंबकों और अन्ध्भक्तों, नफ़रत से किसी का भला नहीं होता संभल जाओ
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गुजरात दंगे के दौरान की अशोक मोची की यह तस्वीर तो याद होगी – सुनिए अब क्या कह रहे हैं – गुजरात मॉडल पर
चरणचुंबकों और अन्ध्भक्तों, नफ़रत से किसी का भला नहीं होता
संभल जाओ pic.twitter.com/UZ5DDgSulq
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 21, 2022
बता दें की गुजरात नरसंहार के दौरान अशोक मोची (Ashok Mochi) की सिर पर कविनाद और हाथ में हथियार लिए चिल्लाने की एक तस्वीर मीडिया में आई थी. हमलावरों के प्रतीक कहे जाने वाले मोची (Ashok Mochi) आज नए आदमी हैं. वह अहमदाबाद के पुराने शहर में दिल्ली दरवाजा के पास एक मोची (Ashok Mochi) के रूप में काम करके अपना जीवन गुजर रहे है. यहां तक कि जब वह सड़क पर काम करता है और अगले दरवाजे के स्कूल के मैदान में सोता है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में कुछ ही दिन बचे हैं. अशोक मोची (Ashok Mochi) गुजरात को इस तरह देखते हैं, “बीजेपी केवल हिंदू धर्म के बारे में बात कर रही है. उससे किसी का भला नहीं होता. दलित और आदिवासी उनके विचार में नहीं आते. आम जनता को परेशानी हो रही है. जिस राज्य में शराब पर प्रतिबंध है, वहां जहरीली शराब पीने से अक्सर लोगों की मौत हो जाती है. सरकार जिम्मेदार नहीं है.”
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