जयपुर :कोरोना आयुर्वेदिक किट लॉन्च करने और इसकी दवा कोरोनिल बनाने का दावा करने वाले योग गुरू बाबा रामदेव विवादों के घेरे में घिरते नजर आने लगे हैं. उनके खिलाफ राजस्थान सरकार केस दर्ज कराएगी. राजस्थान सरकार का कहना है कि बाबा रामदेव ने बिना परमिशन ट्रायल किया है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि बाबा रामदेव ने जिस तरह से महामारी के दौरान कथित दवा कोरोना बेचने की कोशिश की है वह अच्छी बात नहीं है । बता दें कि कोरोनावायरस के किसी भी वैकल्पिक इलाज का कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक नहीं है, यहां तक कि कई देशों द्वारा टीकों का परीक्षण किया जा रहा है. कोरोना आयुर्वेदिक किट लॉन्च के बाद से ट्विटर पर #Coronil ट्रेंड कर रहा है.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, यह फ्रॉड है, न कि ट्रायल. मरीजों का रिजल्ट निम्स में तीन के अंदर नहीं आता है. जिन पर ट्रायल किया गया, वो असिम्टोमेटिक (बना लक्षण) केस थे और उसी दिन वह निगेटिव हो जाते हैं.दरअसल, योग गुरू ने दावा किया था कि कोरोना की दवा कोरोनिल को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (निम्स) यूनिवर्सिटी, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है.
मंगलवार को कोरोनिल की लॉन्चिंग के मौके पर निम्स के चांसलर प्रोफेसर बलवीर सिंह तोमर भी मौजूद थे. बता दें कि पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से आयुष मंत्रालय को बताया गया कि ये क्लीनिकल ट्रायल निम्स में किया गया था. दावा किया गया कि उन्होंने हर नियम का पालन किया है, साथ ही आयुर्वेदिक साइंस सेंट्रल काउंसिल के डीजी को लूप में रखा था.
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