नई दिल्ली; छावला रेप-मर्डर (Chhawla Rape Case) केस में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा का फैसला पलटते हुए तीनों दोषियों की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है। साल 2012 के इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने तीन लोगों को 19 साल की एक युवती का रेप कर उसका मर्डर करने का दोषी पाया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच छावला केस (Chhawla Rape Case) में सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए तीनों की रिहाई का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल, 2022 को रवि कुमार, राहुल और विनोद की मौत की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि तीनों पर मौत की सजा को बरकरार रखा जाए या नहीं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने रवि कुमार, राहुल और विनोद को अपहरण, बलात्कार और हत्या समेत विभिन्न आरोपों का दोषी ठहराया गया था। इसके बाद तीनों ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं, दिल्ली पुलिस ने मौत की सजा कम करने का विरोध किया था। पुलिस की ओर से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा, “अपराध सिर्फ पीड़िता के साथ नहीं बल्कि पूरे समाज के साथ हुआ है। दोषियों को कोई रियायत नहीं दी सकती क्योंकि उन्होंने ऐसा वहशियाना अपराध किया है। दोषियों ने ना सिर्फ युवती से सामूहिक बलात्कार किया बल्कि उसके मृत शरीर का भी अपमान किया।”
आप को बता दें की ये घटना 2012 की है जब तीन लोगों ने नौ फरवरी 2012 की रात कुतुब विहार इलाके में उसके घर के पास से एक कार में युवती का अपहरण कर लिया था। युवती उस वक्त काम से घर लौट रही थी।” दिल्ली पुलिस ने कहा कि रवि कुमार ने अन्य दो लोगों की मदद से अपराध को अंजाम दिया क्योंकि लड़की ने रवि कुमार से दोस्ती के प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
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