नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा प्रधानमंत्री के जीवन से जुड़ी एक नई किताब की तुलना श्रीमद्भागवत गीता से करने की खूब आलोचना हो रही है कांग्रेस ने इस गीता का अपमान बताया। तो वही रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा ब ये गीता के बराबर की कोई किताब ले आए हैं। इस किताब में लिखा होगा न कि आठ साल में एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर पाए? इनके कितने बयान ऑन रिकार्ड चल रहे हैं, जो झूठे साबित हुए हैं? इसका ज़िक्र है इस किताब में? कुछ दिन में ये लोग इन्हें ही सृष्टि के रचियता घोषित कर देंगे। बाक़ी इनसे महंगाई, बेरोज़गारी और सबके लिए न्याय जैसा काम नहीं हो पाया। बलात्कारी जेल से छूटते हैं तो माला पहनाया जाता है और उसका भी खंडन नहीं हो पाया लेकिन इन पर लिखी किताब गीता के बराबर हो गई। कमाल है। अच्छा है कि देश की जनता ने सोचना बंद कर दिया है। वर्ना वो दिन भर इन्हीं को लेकर परेशान रहती।
प्रधानमंत्री जो किताब लिखते हैं, उसकी रॉयल्टी किस खाते में जाती है? अब ये किताब आई है ताकि भाजपा के कार्यकर्ता मजबूरी में ख़रीदें और इस किताब के ज़रिए धन अर्जित हो। क्या ये पैसा पार्टी फंड में जाएगा?
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