हैदराबाद : तेलंगाना में चल रहे सचिवालय के निर्माण के परिसर में आने वाली दो मस्जिदों और एक मंदिर को बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया है।
दोनों मस्जिदें काफी पुरानी थी तथा कोरोनावायरस के चलते लॉक डाउन के शुरू से ही बंद थी।
शहीद की गई मस्जिदों में से एक सी ब्लॉक से सटी मस्जिद “दफातीर-ए-मुतमदी” और दूसरी डी ब्लॉक के पास स्थित “मस्जिद-ए-हाशमी” थी।
तथा “नाला पोचम्मा” मंदिर परिसर के बीच में स्थित था।
धार्मिक स्थलों के ध्वस्त होने से दोनों ही वर्ग के लोगों में आक्रोश है। तथा लोगों का कहना है कि बिना किसी सूचना के यह स्थल ध्वस्त किए गए हैं।
आपको बता दें कि तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के बाद TRS गवर्नमेंट ने तेलंगाना सचिवालय के नए परिसर का निर्माण शुरू किया। जिस कार्य में यह तीनों धर्म स्थल बीच में आ रहे थे। सोमवार को मध्य रात्रि से विध्वंस का काम शुरू हुआ जिसमें पहले चरण में ही तीनों पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार दो मस्जिदों और एक मंदिर को ध्वस्त करने और उन्हें किसी अन्य स्थान पर बनाने का निर्णय लिया गया है।
वहीं दोनों वर्गों की विद्वानों का कहना है की पूजा स्थलों को ध्वस्त करने से पहले परामर्श नहीं किया गया। सरकार ने दोनों ही वर्गों के लोगों को अंधेरे में रखते हुए धर्म स्थलों को ध्वस्त किया है।
सूत्रों के अनुसार ध्वस्त करने से पहले मस्जिद में से क़ुरान तथा जानामाज़ कोई दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया था।
वहीं दूसरी ओर मुस्लिम विद्वानों का कहना है कि मस्जिद को स्थानांतरित करना शरीयत का विषय है। सरकार को इस्लामिक विद्वानों और मुफ्ती की सलाह लेनी चाहिए थी।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के समर्थन करने वाले दलों और संगठनों को सरकार द्वारा मस्जिदों को ध्वस्त करने पर क्या रुख अपनाया जाएगा, यह भी देखने का विषय है।
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