मुजफ्फरनगर( आस मोहम्मद खान) आश्रम नगरी कहे जाने वाले जिले के तीर्थ अस्थल शक्रताल के एक आश्रम में एक बेहद शर्मनाक मामला प्रकाश में आया है। आश्रम का प्रबंधक यहां के अनाथ बच्चों का यौन शोषण कर रहा था और मेडिकल परीक्षण में भी चार बच्चों के यौन शोषण की पुष्टि हुई। हैरानी की बात यह है कि इन सभी बच्चों की उम्र 10 साल से कम है। पुलिस ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है और आश्रम के सहयोगी के साथ आश्रम के प्रबंधक को गिरफ्तार किया है।
घटना का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित बच्चे ने हिम्मत दिखाई। मिजोरम के 9 वर्षीय लड़के ने अत्याचार की रिपोर्ट करने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन को फोन किया और फिर टीम वहां पहुंची और बच्चों को खुद को उत्पीड़न से मुक्त करने में मदद की। चाइल्ड हेल्पलाइन ने पुलिस की मदद से पहले आश्रम में बंधक बनाए गए मासूम बच्चों को छुड़वाया और उसके बाद उनका मेडिकल परीक्षण कराया।
आश्रम का नाम जिसमें यह जघन्य कृत्य हो रहा था, वह है ‘गोड़िया मठ’। आश्रम के प्रबंधक भक्ति भूषण गोविंद महाराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। कहा जाता है कि मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के मासूम बच्चे धार्मिक शिक्षा के लिए इस आश्रम में आते थे। मुजफ्फरनगर में पिछले बुधवार, जब एक बच्चे ने 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर यौन शोषण और अत्याचार की शिकायत की, तो संबंधित टीम तुरंत आश्रम पहुंची और छापा मारना शुरू कर दिया। इस दौरान 8 बच्चों को गुलामी के जीवन से मुक्त किया गया। जब छापा मारने वाली टीम ने बच्चों से पूछताछ की, मना करने पर खूब पीटा जाता था।
पूनम शर्मा का कहना है कि पहले तो आश्रम के लोग बच्चों को छिपाने लगे। लेकिन जब यह कहा गया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, और हम केवल अपना कर्तव्य निभा रहे थे, तब उन्होंने बच्चों को हमारे साथ जाने दिया। “हमने आश्रम के लोगों से सुबह अपने कागजात दिखाने और बच्चों को ले जाने के लिए कहा, लेकिन जब हम बच्चों की काउंसलिंग कर रहे थे, तो बच्चे गायब मिले,” हमने पूरे आश्रम में दोनों बच्चों की तलाश की, लेकिन वे नहीं मिले हम बच्चों को तलाश कर रहे हैं। ”
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