देश में बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है.
हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सिर्फ साल 2021 में अगस्त के महीने में ही 16 लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने महंगाई की मार से लोगों का जीना दुस्वार कर रखा है।
इस मामले में अब महाराष्ट्र की सरकार शिवसेना ने भी मोदी सरकार को घेरा है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने देश के बेरोजगारों के हाथों में घंटा देने का काम किया है।
सामना में शिवसेना ने सरकार पर लगातार देश के की सरकारी संपत्तियों के लगातार किए जा रहे निजीकरण पर भी हमला बोला है।
शिवसेना का कहना है कि मोदी सरकार देश की सरकारी संपत्तियों को किराए पर देकर मजे कर रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के फैसले को भी गैर जिम्मेदाराना बताते हुए शिवसेना ने कहा है कि अगस्त के महीने में 16 लाख लोगों की नौकरी चली गई है। ज्यादातर ग्रामीण भागों में लोगों पर बेरोजगारी का कहर बरपा है।
हालांकि शहरों की स्थिति भी कुछ खास अलग नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने बेरोजगारों के हाथों में घंटा दे दिया है।
शिवसेना इससे पहले भी बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर चुकी है।
इस बार शिवसेना ने साल 2016 में सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को याद करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था पर उस वक्त भी संकट आया था।
अब इसे बेरोजगारी से जोड़ते हुए शिवसेना ने कहा कि मोदी सरकार ने जो गैर जिम्मेदार तरीके से नोटबंदी देश पर होती है। उससे देश की अर्थव्यवस्था के नीचे करोड़ों रोजगार भी कुचल दिए जा चुके हैं।
इसके साथ ही शिवसेना ने देश में आई कोरोना महामारी और उसके चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भी भयंकर तरीके से बढ़ी बेरोजगारी पर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं।
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