नई दिल्लीः ऑटोमन साम्राज्य के सैनिकों ने पहले सऊदी स्टेट की राजधानी दिरिया और रियाद के बाहरी इलाक़ों पर हमला कर ध्वस्त कर दिया था.
इसी दौरान इस्तांबुल में 1818 में सऊदी अरब के किंग अब्दुल्लाह बिन सऊद का सिर कलम किया गया था. सऊदी स्टेट को ऑटोमन साम्राज्य ने पहली बार 1818 में तबाह किया और दूसरी बार 1871 में. सऊदी अरब की तीसरी कोशिश तब सफल रही जब पहले विश्व युद्ध में उसने ब्रिटेन का साथ दिया और ऑटोमन साम्राज्य को मुँह की खानी पड़ी.
ऑटोमन साम्राज्य ही 1924 में सिमटकर आधुनिक तुर्की बना और वहाँ के वर्तमान राष्ट्रपति एर्दोगान के बारे में कहा जाता है कि वो उसी साम्राज्य से प्रेरणा लेते हैं. लेकिन अब ज़माना ऑटोमन काल का नहीं है. सऊदी और तुर्की अपने रिश्तो पर हाल के वर्षों में जमी धूल झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान ने अगले महीने सऊदी अरब के दौरे पर जाने की घोषणा की है. तुर्की और सऊदी अरब के रिश्ते हाल के वर्षों में तनाव से भरे रहे हैं.
राष्ट्रपति एर्दोगान की अगले महीने संयुक्त अरब अमीरात जाने की भी योजना है. कहा जा रहा है कि अर्दोआन अब खाड़ी के देशों से संबंधों में भरी कड़वाहट ख़त्म करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
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