
न्यूयोर्क (सुमरा परवेज़ ) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों की समूह भारत में CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए छात्रों को जल्द रिहा करने की मांग की है।
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के मानव अधिकार कार्यालय से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि छात्रों को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विरोध प्रदर्शन करने का हक है। उसके लिए उन्हें गिरफ्तार करना और यूएपीए जैसे कानून के तहत अंदर रखना निंदनीय है।
अपने बयान में UNHRC ने 11 छात्रों का नाम लिया जिनमें मीरान हैदर, गुल्फिशां फातिमा, आसिफ इकबाल तनहा,देवांगना कलिता, नताशा नरवल, खालिद सैफी, शिफा उर रहमान, डॉक्टर कफील खान शरजील इमाम और अखिल गोगोई और सफूरा ज़रगार थे।
उन्होंने सफूरा का नाम लेकर भी कहा कि एक गर्भवती छात्रा को 2 महीने से अधिक समय तक जेल में रखना निंदनीय हैं।
आपको बता दें कि बीते सप्ताह सफूरा को बेल पर रिहा किया गया है।UNHRC के विशेषज्ञों ने कहा अधिकारियों को तुरंत प्रदर्शनकारियों को रिहा करना चाहिए और पर्याप्त सबूतों के बिना इस तरह जेल में रखना निंदनीय है।
Big Breaking?@UN experts urge India to immediate release Human right defenders,PoliticalPrisoners,Student activists & leaders Who've been arrested for protesting against the unconstitutional law #CAA
Defenders R?#MeeranHaider#SharjeelImam#GulfishaFatima#SafooraZargar 1/2 pic.twitter.com/dcs0fxXxSc— Waqar Khan || وقار خان (@WAKhan337) June 26, 2020
जेजेपी न्यूज़ को आपकी ज़रूरत है ,हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं,इसे जारी रखने के लिए जितना हो सके सहयोग करें.