यूपी पुलिस विकास दुबे जैसे आतंकवादी को पकड़ने में नाकाम है, वही गरीब मज़दूरों पर अपना ज़ोर दिखा रही है

यूपी के कानपुर में जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले विकास दुबे को यूपी की पुलिस पकड़ने में असमर्थ दिख रही है।जिसने दिन दहाड़े 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया। जिसके पास से ना सिर्फ गोला बारूद, बल्कि एके-47 जैसे हथियार बरामद हुए।

लेकिन वही यूपी पुलिस लखनऊ की एक रिक्शा चालक मोहम्मद कलीम को गिरफ्तार करके जेल  में डालने में सक्षम साबित हुई।
अब आप सोच रहे होंगे कि मैंने बीच एक गरीब रिक्शाचालक नाम क्यों ले आई और विकास दुबे और मोहम्मद कलीम में क्या संबंध है।

तो सुनिए, हाँ दोनों में कोई संबंध नहीं है। बस आपको बताने का मक़सद यह था कि यूपी की पुलिस एक रिक्शा चालक को गिरफ्तार करने में ज़्यादा सक्षम है।

रिक्शा चालक मोहम्मद कलीम को मार्च महीने में उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वह अपने रिक्शा में किसी शोरूम की वाशिंग मशीन लेकर जा रहे थे।
जब की पत्नी नरगिस बेगम थाने पहुंची तो उन्हें बताया गया कि उनके पति CAA के विरोध प्रदर्शन में शामिल थे इसलिए उनको पकड़ा गया है। बहुत कोशिशों के बाद उन्हें ज़मानत मिली थी।
बाद में यूपी की सरकार की तरफ से 21 लाख 76 हज़र का रिकवरी नोटिस कलीम के घर भेजा गया जिसे चुकाने में वह पूरी तरह असमर्थ थे।

बीते शुक्रवार 3 जुलाई 2020 को वापस उनके घर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
कलीम के वकील का कहना है कि अब ज़मानत मिलना मुश्किल है।

इससे साफ पता चलता है कि कुख्यात बदमाशों को छोड़ने में और गरीब मज़दूरों को पकड़ने में यूपी की पुलिस कितनी सक्षम है।

क्या एक रिक्शा चालक 21 लाख 76 हज़ार की भारी-भरकम रकम चुकाने में सामर्थ हो सकता है ? या यह बस एक ग़रीब मुस्लिम को दबाने की साज़िश है।

  • लेखिका : सुमरा परवेज़
Donate to JJP News
जेजेपी न्यूज़ को आपकी ज़रूरत है ,हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं,इसे जारी रखने के लिए जितना हो सके सहयोग करें.

Donate Now

अब हमारी ख़बरें पढ़ें यहाँ भी
loading...