नई दिल्ली :दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात फिरोज अहमद निवासी मुरादनगर, जेवर के एक गांव से एक कार में बकरे लेकर यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए अपने घर जा रहे थे। चेकिंग के दौरान दनकौर पुलिस ने रोककर पूछताछ के साथ मर पिटाई की । दनकौर पुलिस ने फिरोज की गाड़ी का चालान भी कर दिया। इसके बाद फिरोज ने अपने वकील भाई के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मामले की शिकायत की।
दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने दनकौर पुलिस के दरोगा और सिपाहियों पर पर्स, आई कार्ड और 15 हजार रुपये छीनने का आरोप लगाया है। इस संबंध में दनकौर पुलिस का कहना है कि फिरोज ने बदतमीजी और गाली गलौज की थी। नकदी और पर्स छीनने की कोई घटना नहीं हुई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर मामले की जांच की जा रही है।
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने लिखा । दिल्ली पुलिस का एक मुस्लिम कांस्टेबल ईद से पहले अपने घर बकरा ले जा रहा था। यूपी पुलिस ने मुस्लिम देखकर केवल इसी बात पर मार-पिटाई कर दी कि वह बकरा ले नहीं जा रहा बल्कि बकरे की तस्करी कर रहा है। इस देश में बकरे की तस्करी भी होती है? सच में??? असली बात ये है कि अब सबके अंदर का कट्टरपंथ धीरे धीरे बाहर निकल रहा है। पुलिस हो चाहे सामान्य नागरिक सबके व्हाट्सएप में आरएसएस द्वारा फैलाई जाने वाली घृणा पहुंच चुकी है।
इस देश का संविधान, न्यायपालिका, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री कहाँ हैं? क्या मुसलमानों के लिए इस देश में न्याय मर चुका है?? क्या मुसलमान अपने त्यौहार भी नहीं मना सकते?
दिल्ली पुलिस का एक मुस्लिम कांस्टेबल ईद से पहले अपने घर बकरा ले जा रहा था। यूपी पुलिस ने मुस्लिम देखकर केवल इसी बात पर मार-पिटाई कर दी कि वह बकरा ले नहीं जा रहा बल्कि बकरे की तस्करी कर रहा है। इस देश में बकरे की तस्करी भी होती है? सच में??? असली बात ये है कि अब सबके अंदर का कट्टरपंथ धीरे धीरे बाहर निकल रहा है। पुलिस हो चाहे सामान्य नागरिक सबके व्हाट्सएप में आरएसएस द्वारा फैलाई जाने वाली घृणा पहुंच चुकी है। इस देश का संविधान, न्यायपालिका, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री कहाँ हैं? क्या मुसलमानों के लिए इस देश में न्याय मर चुका है?? क्या मुसलमान अपने त्यौहार भी नहीं मना सकते?
Gepostet von Shyam Meera Singh am Samstag, 25. Juli 2020
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