उज़मा फ़ातिमा ने चार की ज़िंदगी बचाई और खुद की ज़िंदगी हार गई

हैदराबाद :उज़मा फातिमा उन नौ लोगों में से एक हैं जिनकी तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले के श्रीशैलम जलविद्युत उत्पादन केंद्र में आग लगने की घटना में मौत हो गई थी। 26 वर्षीय उज़मा स्टेशन में सहायक इंजीनियर के रूप में काम कर रही थी।उनका पार्थिव शरीर कल शाम हैदराबाद लाया गया था और उन्हें फतेह दरवाजा में एक कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया । उज़मा फातिमा के पिता मोहम्मद जुबैर चप्पल बाज़ार में एक फुटवियर का कारोबार करते हैं। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी की शादी हो गई।

उज़मा फातिमा उनकी दूसरी बेटी थी और अविवाहित थी। उनकी सबसे छोटी बेटी आठवीं कक्षा में है। मोहम्मद ज़ुबैर के बेटे मोहम्मद मिन्हाज जो एक डिग्री छात्र हैं, ने बताया कि अचानक हुई त्रासदी के कारण उनका परिवार सदमे की स्थिति में है। उनके अनुसार, उज़मा फातिमा पिछले चार साल से श्रीशैलम पावर स्टेशन में सहायक अभियंता के रूप में काम कर रही थीं।

उज़मा फातिमा बहुत बुद्धिमान और बहादुर लड़की थी। हादसे में बचे लोगों ने बताया कि उज़मा फातिमा ने चार लोगों की जान बचाई लेकिन वह खुद को नहीं बचा पाई।गुरुवार की रात 900 मेगावाट बिजलीघर के अंदर बिजली के पैनल में आग लगने से 900 मेगावाट के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक पावर स्टेशन के अंदर फंसे नौ लोगों की मौत हो गई।

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