आपको कानून का विरोध करने वाली सफूरा याद है, लेकिन सेना की मुख़बरी करने वाला देविंदर सिंह याद नहीं

5 ट्रिलियन इकॉनमी वाली सरकार के मुद्दे और प्राथमिकताओं पर गौर करिए।
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-आपको ताली-थाली वाले ड्रामा याद है लेकिन
10 लाख क्रोस हो चुके मामले याद नहीं हैं।

– आपको इस सरकार द्वारा बनाई सरदार की स्टेच्यू याद है लेकिन इस सरकार द्वारा बनाया एक अस्पताल याद नहीं।

– आपको राम मंदिर याद है, इस सरकार द्वारा बनाई एक यूनिवर्सिटी याद नहीं, न कोई IIT, न कोई IIM

– आपको देशद्रोही, अर्बन नक्सली, वामी, कामी याद हैं, अपने इलाके के भ्रस्टाचारी थानेदार, एसआई, पटवारी, डीएम, एसएसपी याद नहीं हैं।

– आपको मोदी के द्वारा विदेशों में नाम याद है, लेकिन नेपाल, पाकिस्तान, श्री लंका, मालदीव और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ बिगड़े रिश्ते याद नहीं हैं।

– आपको आपके खाते में आने वाले दो चार हजार याद हैं, लेकिन खत्म की गईं स्कॉलरशिप, बढ़ाई गई फीस याद नहीं है। बताइए आपको शिक्षा लेकर सक्षम बनना था या सरकार की दया का पात्र बनना था?

– आपको पाकिस्तान में टमाटर के रेटों का पता है, लेकिन अपने यहां के आलू, मटर, टमाटर का रेट नहीं पता है।

– आपको चीन का 1 किमी वापस लौटना याद है, 8 किमी अंदर आना याद नहीं है।

– आपको 59 एप बन्द होना याद है, 22 सैनिकों की शहादत याद नहीं है।

-आपको चाय बेचने की कहने वाला प्रधानमंत्री याद है, लेकिन प्रवासी मजदूरों की दुर्गति याद नहीं है।

– आपको सरकार पर जोक बनाती कॉमेडियन याद है, लेकिन रेप थ्रेट देता गुंडा याद नहीं है।

-आपको एक कानून का विरोध करने वाली सफूरा याद है, लेकिन सेना की मुख़बरी करने वाला देविंदर सिंह याद नहीं है

और सबसे बड़ी बात, आपको अपने पहले प्रधानमंत्री की जिम्मेदारियां याद हैं लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी याद नहीं हैं।

ये लेख Shyam Meera Singh के वॉल से लिया गया है

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